बदायूं। राज्यसभा और लोकसभा चुनावों में मुस्लिमों की उपेक्षा करने पर सपा नेता पूर्व मंत्री सलीम इकबाल शेरवानी और पूर्व सदर विधायक आबिद रजा ने सपा के खिलाफ अपने बगाबती तेवर जग जाहिर करते हुए पदों से इस्तीफा दे डाला। लोकसभा चुनाव में मुस्लिम मतों के धु्रवीकरण होने की आशंका ने मान मनौव्बल का दौर शुरू कर दिया और उसे बीते दिनों आंशिक सफलता मिल गई। सपा के राष्ट्रीय महासचिव और बदायूं लोकसभा क्षेत्र से प्रत्याशी शिवपाल यादव आबिद रजा को मना कर अखिलेश यादव के पास ले गए जहां दोनों के गिले शिकवें दूर हुए तब आबिद ने सपा के प्रचार को हामी भर दी लेकिन पूर्व मंत्री वरिष्ठ नेता सलीम शेरवानी ने पाक ए रमजान माह का हवाला देकर ईद के बाद विचार करने की बात कही जिससे राजैनतिक चर्चा शुरू हो गई कि क्या श्री शेरवानी से सपा की बन पाएगी बात?
प्रदेश में हुए राज्यसभा चुनाव के दौरान ही बदायूं से पूर्व सदर विधायक आबिद रजा ने सपा के खिलाफ मुस्लिमों की उपेक्षा तथा राजनैतिक शोषण करने का आरोप लगाते हुए मोर्चा खोल दिया था। आबिद रजा ने अपने इरादे सपा के समक्ष जाहिर करते हुए कहा कि अगर सपा वास्तव में मुसलमानों की हितैषी है तो उसने किसी मुसलमान को राज्यसभा का टिकिट क्यों नही दिया मगर पार्टी हाईकमान ने उनकी एक न सुनी वही दूसरी ओर पार्टी के वरिष्ठ नेता सलीम इकबाल शेरवानी ने भी सपा पर मुसलमानों को नजरअंदाज करने का आरोप लगा कर मोर्चा खोल दिया था। दोनों नेताओं ने अपने राष्ट्रीय स्तर के पदों से इस्तीफा दे डाला और अपनी नाराजगी को खुलेआम व्यक्त किया मगर सपा हाईकमान ने इसे गंभीरता से नही लिया। हालांकि दोनों नेताओं ने पार्टी का दामन नही छोड़ा था।
लोकसभा चुनाव के आते ही सपा पर फिर मुसलमानों की उपेक्षा के आरोप लगे तब सपा ने अपने घोषित प्रत्याशी धर्मेन्द्र यादव को हटा कर उनके स्थान पर वरिष्ठ नेता शिवपाल सिंह यादव को बदायूं से प्रत्याशी घोषित कर दिया लेकिन इससे दोनों नेताओं की नाराजगी कम नही हुई। बताते हैं कि पिछले दिनों बदायूं पहुंचे प्रत्याशी शिवपाल यादव ने नाराज नेताओं की मान मनौव्बल शुरू की और फिर आबिद रजा को लेकर सीधे अखिलेश यादव से मुलाकात कराई जहां पूर्व विधायक ने अपने गिले शिकवें कहे जिस पर पार्टी ने उचित सम्मान की बात कही जिस पर श्री रजा मान गए और पार्टी पक्ष में प्रचार करने पर हामी भर दी।
इधर सपा प्रत्याशी शिवपाल यादव ने पूर्व मंत्री और पार्टी के वरिष्ठ नेता सलीम इकबाल शेरवानी से फोन पर बात करने की चर्चा है। श्री यादव को शेरवानी ने स्पष्ट किया है कि वह इन दिनों पाक ए रमजान के माह में खुदा की इबादत में लगे हुए है और राजनैतिक कर्म ईद के बाद अपने समर्थकों से सलाह मश्विरा करने के बाद करेंगे। चर्चा है कि श्री शेरवानी के रूख से लग रहा है कि शायद ही वह सपा के पक्ष में प्रचार को मानेंगे। चर्चा है कि ईद के बाद पता चल जाएगा कि सपा की श्री शेरवानी से बन पाएगी बात? या फिर उनके बगैर ही सपा लोकसभा चुनाव लडे़गी। यहां बता दें कि श्री शेरवानी एक बार कांग्रेस और कई बार सपा से बदायूं संसदीय क्षेत्र से सांसद रहे है और केन्द्र की सरकारों में स्वास्थ्य और विदेश मंत्री जैसे महत्वपूर्ण पदों पर भी अपनी जिम्मेदारी संभाली है।