उझानीजनपद बदायूं

अनुसूचित एवं जनजाति के लोगों के खिलाफ फर्जी मुकद्दमा दर्ज कराने वालों के खिलाफ हो कार्रवाईः रामबाबू

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बदायूं। उ0प्र0 अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष रामबाबू हरित ने लोक निर्माण खण्ड के अथिति गृह में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डा. ओपी सिंह एवं मुख्य विकास अधिकारी ऋषिराज, जिला समाज कल्याण अधिकारी रामजनम के साथ अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के व्यक्तियों के सम्बंध में बैठक की।

सोमवार को आयोजित बैठक में उन्होंने कहा कि केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा संचालित योजनाओं को लाभ समय से अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति तक पहुंचाया जाए। इनके वादों को प्राथमिकता दी जाए। फर्जी मुकद्दमें लिखाने वालों पर भी कठोर कार्यवाही की जाए। उप्र अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष रामबाबू हरित ने पत्रकार वार्ता में कहा कि मेरे कार्यकाल में कुल 3107 प्रार्थना पत्र आयोग में प्राप्त हुए जिनमें से 1981 मामलों में संबंधित विभागों को अपने स्तर से निस्तारण हेतु भेजे गये है। 1126 मामलों में संबंधित विभागों से आख्यायें मंगाकर आयोग द्वारा निस्तारण किया गया। उन्होने कहा कि मेरे द्वारा अब तक 342 मामलों में सुनवाई की जा रही है और.मामलों में सुनवाई की गयी जिनमें से 215 मामलों का निस्तारण किया गया। शेष 127 प्रकरणों में अग्रिम सुनवाई नियत की गयी है। उन्होने कहा कि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के व्यक्तियों को सरकार द्वारा प्रदान की जाने वाली आर्थिक सहायता को सक्षम प्राधिकारियों द्वारा समय से प्रदान नहीं करायी जाती है ऐसी शिकायतें भी आयोग को प्राप्त होती है। मैंने आर्थिक सहायता से सम्बन्धित मामलों का गम्भीरतापूर्वक संज्ञान लेकर उनका त्वरित निस्तारण कराया जिसके फलस्वरूप् 5 माह 12 दिन की अवधि में 83 प्रकरणों का निस्तारण करते हुए पीड़ित परिवार को 12491250 रुपये की धनराशि आर्थिक सहायता के रूप में आयोग के हस्ताक्षेप से उपलब्ध करायी गयी। इससे पीड़ित व उसके परिवार के सदस्यों को आर्थिक लाभ प्राप्त हुआ और वे पुनर्वास की प्रक्रिया में शामिल हुए।

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