बिल्सी

तन के श्रंगार से पहले मन का करें श्रंगार: प्रज्ञा

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बिल्सी। तहसील क्षेत्र गांव गुधनी के यज्ञ मंदिर में आर्य समाज का साप्ताहिक सत्संग हुआ। यज्ञ के पश्चात सुप्रसिद्ध अंतर्राष्ट्रीय वैदिक विद्वान आचार्य संजीव रूप ने कहा कि करवा चौथ के दिन स्त्रियां अपने पति की लंबी आयु के लिए व्रत रखती हैं तथा चांद की पूजा करती हैं। उन्होंने कहा कि चांद शीतलता का प्रतीक है यदि घर के सदस्यों का व्यवहार शीतल हो और सब परस्पर प्रेम करने वाले हों तो सबकी आयु लंबी होगी। आपस में लड़ने झगड़ने तथा घर में कलह रखने वालों का लंबी आयु नहीं होती। पति पत्नी को सूरज और चांद के गुणों को धारण करना चाहिए।

सत्संग मंे प्रवचन करते हुए प्रज्ञा आर्य ने कहा कि श्रंगार शरीर का तो हो किंतु उससे पहले मन का श्रंगार होना चाहिए। वाणी का श्रंगार मधुर बोलने व सत्य बोलने से होता है। आंखों का श्रंगार काजल लगाने से नहीं सब को सम्मान की दृष्टि से देखने से होता है। कानों का श्रंगार कुंडल पहनने से नहीं अच्छे वचन सुनने से होता है। हाथों का श्रंगार मेहंदी लगाने से नहीं, सेवा करने से होता है।यहां आंवला से पधारी शिक्षिका राधिका आर्य तथा आर्य समाज आंवला के प्रधान को प्रतीक देकर सम्मानित किया गया। इस मौके पर मुन्नी देवी, सूरजवती देवी, राकेश आर्य, हरपाल सिंह, किरण रानी, अंजलि, भावना, मोना, विचित्रपाल सिंह आदि मौजूद रहे।

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