बिल्सी,(बदायूं)। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डा. ओपी सिंह के निर्देश पर बिल्सी पुलिस ने लगभग छह वर्ष पूर्व उघैती थाने में कारतूस गबन के मामले में कोतवाली में तैनात रहे हेड कांस्टेबिल के खिलाफ मुकद्दमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है। एसएसपी ने आरोपी के खिलाफ विभागीय स्तर पर भी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
एसपी ग्रामीण सिद्धार्थ वर्मा ने पत्रकारों को जानकारी देते हुए बताया कि कारतूस गबन का मामला वर्ष 2016 में उघैती थाने में हुुआ था। श्री वर्मा ने बताया कि उघैती थाने में 30 मार्च 2016 को भौतिक सत्यापन में बड़ी संख्या में विभिन्न सरकारी असलहों के कारतूसों का गबन सामने आया था। तब क्षेत्राधिकारी बिल्सी ने इस मामले की जांच की थी जिसके प्रारंभ में हेड कांस्टेबिल उमाशंकर यादव तथा संतोष यादव का नाम सामने आया था। क्षेत्राधिकारी ने अपनी रिपोर्ट जिला स्तर पर विभाग को प्रेषित कर दी। बताते है कि 12 मई 2016 को तत्कालीन अपर पुलिस अधीक्षक ग्रामीण मुन्नालाल अपनी रिपोर्ट में जेष्ठय अभियोजन अधिकारी से पत्रावली का अवलोकन कर विधिक राय उपलब्ध कराने के लिए प्रेषित की गयी। अभियोजन अधिकारी ने अपनी विधिक आख्या में हेड कांसटेविल सुभाषचन्द्र को दोषी बताते हुए इनके विरूद्ध सरकारी कारतूसों को गबन करने के अपराध में धारा 409 गबन करने के अपराध में अभियोग पंजीकृत कराये जाने की राय दी थी। एसपी ग्रामीण श्री वर्मा ने बताया कि उक्त प्रकरण की फाइल पुलिस कार्यालय में दब गई। उन्होंने बताया कि जब एसएसपी डा. ओपी सिंह के संज्ञान में उक्त प्रकरण आया तो उन्होंने पूरे मामले की जांच और हेड कांस्टेबिल सुभाष चंद्र के खिलाफ अभियोग पंजीकृत करने के आदेश दिए जिस पर बिल्सी पुलिस ने अभियोग दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। उन्होंने बताया कि दोषियों के खिलाफ विभाग स्तर पर कार्रवाई को प्रारंभ करने के लिए एसएसपी ने कहा है। जानकार सूत्रों का कहना है कि अगर सही रूप से इसकी जांच हो गई तो कई पुलिस कर्मियों की मिली भगत सामने आ सकती हैं।