उझानीजनपद बदायूं

अवैध वसूली का केन्द्रः हर प्रसव पर जच्चा-बच्चा के तीमारदारों से की जाती है अवैध वसूली, न देने पर रैफर की दी जाती है धमकी

उझानी(बदायूं)। नगर के सरकारी अस्पताल के प्रसव केन्द्र पर गरीब एवं मध्य वर्गीय प्रसूताओं को उनके परिजन इसलिए लाते हैं ताकि वह निजी अस्पतालों में होने वाले आर्थिक बोझ से बच सके मगर अस्पताल के प्रसव केन्द्र पर स्वास्थ्य विभाग की अनदेखी के चलते हर प्रसव पर तीमारदारों से अवैध वसूली का खेल खुलेआम चल रहा है। अगर कोई तीमारदार पैसे देने में आनाकानी करता है तब उसके मरीज को रैफर करने की धमकी दी जाती है जिसके चलते तीमारदार केन्द्र पर तैनात कर्मियों को उनके बताएं पैसे देने पर मजबूर हो जाते हैं।

उझानी अस्पताल के प्रसव केन्द्र पर चल रही अवैध वसूली का खुलासा रविवार को हुआ जब उझानी क्षेत्र के कस्बा कछला के गांव नूरगंज पूर्वी की प्रसूता से बच्चा होने पर उसके परिजनां से दो हजार रुपया जबरन वसूल लिए गए। प्रसूता के ससुर रामवीर सिंह ने बताया कि वह अपनी पुत्रवधू किरन का प्रसव कराने के लिए रात दो बजे अस्पताल पहुंचे और प्रसव को भर्ती कराया। उसने बताया कि उनकी पुत्रवधू सेे सुबह पुत्र का जन्म हुआ और पुत्र जन्म के बाद केन्द्र पर तैनात कर्मियों ने उनसे जबरन दो हजार रुपया वसूल कर लिए। रामसिंह ने बताया कि जब उसने अवैध वसूली का विरोध किया तब उसे रैफर का डर दिखाया।

अस्पताल के प्रसव केन्द्र को लेकर हो रही चर्चा को माने तब गत दो अप्रैल को उझानी क्षेत्र के एक गांव की प्रसूता का सीजर के जरिए बच्चों का जन्म कराया गया लेकिन इस दौरान सीजर के खर्चे के नाम पर तैनात कर्मियों ने दो बार में पांच हजार रुपया अवैध रूप से वसूल कर लिए। बताते हैं कि विरोध करने पर पीड़ित को रैफर का डर दिखाया गया जिससे डर कर उसने उक्त रकम चुपचाप दे दी और इसकी किसी से शिकायत करने से भी परहेज किया। प्रदेश की योगी सरकार और केन्द्र की मोदी सरकार सुरक्षित प्रसव के लिए तमाम आधुनिक सुविधाएं सरकारी अस्पतालों मंे बने प्रसव केन्द्रों पर दे रही है ताकि अस्पताल आने वाली प्रसूता की नार्मल डिलीवरी हो सके।

इसके अलावा उझानी अस्पताल में सीजर से होने वाली डिलीवरी में होने वाली खून की आवश्यता की पूर्ति के लिए ब्लड बैंक की भी स्थापना की गई है मगर प्रसव केन्द्र पर तैनात कर्मियों ने सुविधाओं का लाभ प्रसूता के तीमारदारों और परिजनों से अवैध वसूली के लिए शुरू कर दिया है। इस मामले में जानकारी करने पर चिकित्साधिक्षक डा. राजकुमार गंगवार ने बताया कि उनके संज्ञान में अवैध वसूली का मामला अभी नही आया है फिर भी वह इस मामले की पूरी जांच करा कर आगामी कार्रवाई करेंगे।

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