जनपद बदायूं

लापता ग्रामीण का 35 सालों में भी न बन सका है मृत्यु प्रमाण पत्र

बिसौली। बीते पैंतीस वर्षों से लापता ग्रामीण का भतीजा उसका मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने को दर दर भटक रहा है। शनिवार को भतीजे ने तहसील कार्यालय में आकर अपने ताऊ का डेथ सर्टिफिकेट बनाने की गुहार लगाई।

क्षेत्र के ग्राम संग्रामपुर निवासी शेरसिंह पुत्र ख्याली बीते लगभग 35 साल पूर्व घर से चला गया। परिजनों ने उसकी काफी खोजबीन की लेकिन कुछ पता नहीं चला। पैंतीस वर्ष बीत जाने के बाद लापता ग्रामीण के सगे भतीजे राकेश पुत्र किशनलाल ने ताऊ का मृत्यु प्रमाणपत्र बनवाने के लिए शनिवार को तहसील प्रशासन से गुहार लगाई है। राकेश के अनुसार उसके ताऊ का कोई वारिस नहीं है। जबकि उनके नाम गांव धनूपुरा में तीन बीघा से अधिक आराजी भूमि है। यहां बताते चले कि अगर व्यक्ति लापता हो जाए और उसका कोई पता न चले तब शासनादेश अनुसार सात वर्ष में उसे मृतक मान लिया जाता है लेकिन राकेश पिछले 35 साल से अपने लापता ताऊ का मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने के लिए भटक रहा है और जिम्मेदार उसका प्रमाण पत्र बनाने के बजाय मूक दर्शक बने उसका उपहार उड़ा रहे हैं। पीड़ित ग्रामीण ने अधिकारियों से शीघ्र प्रमाणपत्र बनाए जाने की मांग की है।

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