उझानी,(बदायूं)। पांच दिवसीय दीपोत्सव का शुभारंभ धनतेरस पर्व के साथ होता है इस दिन झाडू, लक्ष्मी गणेश की प्रतिभाओं के अलावा सोना-चांदी खरीदना शुभ माना जाता है लेकिन इस वर्ष सोने चांदी में आई रिकार्ड तेजी के चलते बड़े ज्वैलर्स शोरूम तो गुलजार नजर आए जबकि छोटे सर्राफा दुकानदारों को ग्राहकों का इंतजार रहा। धनतेरस पर सोने-चांदी में आई आंशिक गिरावट का लाभ ग्राहकों को मिला जिससे सोने की चमक के बीच चांदी ने भी अपनी चमक कायम रखी।
धनतेरस पर सोना-चांदी खरीदने के लिए विगत वर्षो तक जो आपाधापी मचती थी उस पर सोने-चांदी की रिकार्ड कीमतों ने ब्रेक लगा दिया। इस वर्ष धनतेरस पर बाजार खुलने के बाद बड़े शोरूम ग्राहकों से गुलजार रहे वही छोटे सर्राफा कारोबारियों को ग्राहकों का इंतजार करना पड़ा हालांकि छोटे सर्राफा कारोबारियों के यहां भी खरीददारी हुई लेकिन बताया जाता है कि चांदी से जुड़े सामान और आभूषण अधिक बिके। बड़े ज्वैलर्स शोरूमों पर सोने-चांदी से लेकर डायमंड के जेवरात और इससे बनी अन्य चींेजे ग्राहकों ने जमकर खरीदी।
मोहन ज्वैलर्स के मालिक अनिल तुलस्यान ने बताया कि इस वर्ष सोने-चांदी में आई तेजी ने सबको अचंभित कर दिया था लेकिन धनतेरस के पर्व पर तेजी के बाद भी सोने-चांदी की चमक कम न हो सकी है। उन्होंने बताया कि धनतेरस पर्व पर 10 ग्राम सोने की कीमत 135000 से घट कर 132000 रुपया रही जबकि चांदी भी 20 हजार रुपया प्रति किलो घट कर एक लाख 70 हजार रुपया रह गई। कृष्ण अवतार संजय मित्तल के मालिक और सर्राफा कमेटी के अध्यक्ष संजय मित्तल ने बताया कि सोने-चांदी की तेजी ने सर्राफा कारोबारियों को संशय में डाल दिया था कि दीपोत्सव पर धनतेरस पर ग्राहक जुटेंगे या नही लेकिन धनतेरस पर सोने-चांदी के खरीददार पीछे नही हटे और अपनी जरूरत की सोने-चांदी की चींजों को खरीदा। सर्राफा कारोबारी नवनीत गोयल ने बताया कि इस वर्ष धनतेरस पर नगरीय क्षेत्र के साथ ग्रामीण अंचलों के लोगों ने भी अपनी जरूरत के मुताबिक सोना-चांदी के आभूषण खरीदे।




