उझानी(बदायूं)। बरसाती उमस भरी गर्मी मंे बिजली की हो रही बार-बार ट्रिपिंग से नागरिकों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। स्थिति यह है कि नगर समेत पूरे क्षेत्र में केवल कुछ ही घंटे बिजली मिल पा रही है। बिजली बार-बार क्यों बंद की जा रही है यह बताने के लिए बिजली विभाग के अधिकारी जनता को बताने के लिए तैयार नही है। पूरी तरह से बिजली न मिल पाने के कारण नगर की पेयजलापूर्ति लगातार बाधित हो रही है जिससे नागरिकों का जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है।
नगर में बिजली आपूर्ति पूरी तरह से बेपटरी हो गई है। बिजली सप्लाई के दौरान कुछ घंटों के अंतराल से बार-बार बंद हो जाती है। दिन हो या रात बिजली विभाग के अधिकारी और कर्मचारी बिजली की ट्रिपिंग रोकने में पूरी तरह से नाकाम साबित हो रहे है। नगर की बिजली बार-बार क्यों बंद की जा रही है इसका जबाब बिजली विभाग के पास नही है। बार-बार की ट्रिपिंग से जब बिजली आपूर्ति बाधित होती है तब नागरिक बरसाती उमस भरी गर्मी में उबल कर रह जाते है। नागरिक बिजली कब आएगी जानने के लिए विभागीय अधिकारियों के अलावा कर्मियों को फोन करते है तब नागरिकों का फोन काल रिसीव नही किया जाता है यहां तक की विभागीय अधिकारी सीयूजी फोन कॉल को भी रिसीव करने की जरूरत नही समझते है जिससे आम नागरिक विभागीय अधिकारियों और कर्मियों के साथ-साथ सरकार को भी कोसते नजर आते है और गर्मी से बचने के लिए प्रयास में जुट जाते हैं।
बिजली का लगातार बंद होने का असर नगर की पेयजलापूर्ति पर पड़ने लगा है। बिजली न मिल पाने के कारण पालिका प्रशासन के नलकूप नही चल पा रहे हैं जिससे नगर के ओवर हैड टैंकों मंे पानी नही भर पा रहा है जिससे नागरिकों तक पेयजल नही पहुंच रहा है। पेयजलापूर्ति बाधित होने से नागरिक पीने एवं दैनिक उपयोग के लिए पानी को दर ब दर भटकते नजर आते है। यहां बताते चले कि लोकसभा चुनाव में भाजपा की करारी हार के बाद प्रदेश सरकार के मुखिया आदित्यनाथ योगी ने बिजली विभाग को स्पष्ट निर्देश दिए थे कि ज्यादा जरूरी होने पर ही बिजली की सप्लाई को बंद किया जाए और इसकी सूचना नागरिकों तक पहुंचाई जाए मगर विभागीय अधिकारी है कि सीएम योगी के निर्देश तक मानने को भी तैयार नही है। विभागीय अधिकारी जनता को सिर्फ इसलिए परेशान करना चाहतें हैं कि वह वर्ष 2027 में होने वाले चुनाव में भाजपा के विरोध में वोट डाले और भाजपा सरकार की विदाई हो सकते ताकि आने वाली सरकार में अधिकारी और कर्मी अपनी मनमानी कर सके।