बिल्सी

बिना कुर्बानी के नही मिलती आजाादीः संजीव रूप

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बिल्सी,(बदायूं)। तहसील क्षेत्र के गांव गुधनी स्थित आर्य समाज मंदिर पर आज बुधवार को महान देशभक्त लाला लाजपत राय की 93वीं पुण्यतिथि यहां बलिदान दिवस के रुप मनाई गई। यहां यज्ञ के उपरांत वैदिक विद्वान आचार्य संजीव रूप ने कहा लाला लाजपत राय ने अंग्रेजों के भारतीयों के विरुद्ध बनाए गए एक कमीशन का विरोध किया था।

श्री रूप ने कहा कि कानून भारत के उन सपूतों के विरोध में था जो भारत को आजाद कराना चाहते थे। अंग्रेज नहीं चाहते थे कि भारत आजाद हो किंतु लाला लाजपत राय ने अपने हजारों अनुयायियों के साथ इस कमीशन का विरोध किया। इस पर अंग्रेजी पुलिस ने उन पर लाठियां बरसाई। उन्होंने कहा कि लाठियों की चोट इतनी खतरनाक थी कि उनका 17 नवंबर 1928 को देहांत हो गया। वह संसार से चले गए लेकिन करोड़ों भारतवासियों को आजादी का मंत्र दे गए कि आजादी बिना कुर्बानी के नहीं मिलती। आर्य संस्कार शाला के बच्चों ने राष्ट्र सपूत के नाम गीत गाए। इस मौके पर प्रज्ञा आर्य, अगरपाल सिंह, साहब सिंह, भानुप्रकाश सिंह, बद्रीप्रसाद आर्य, राकेश आर्य, तानिया, भावना, विचित्रपाल सिंह, धीरपाल आर्य, मनोज कुमार आदि मौजूद रहे।

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