जनपद बदायूं

उझानी में सरकारी इंसास से दरोगा पर जानलेवा हमला करने वाले सिपाही ललित को शासन ने किया बर्खास्त

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बदायूं। लगभग दो साल पहले अवकाश को लेकर हुए विवाद में सरकारी इंसास रायफल से उझानी कोतवाली में तैनात एसएसआई पर जानलेवा हमला करने और खुद को गोली मार कर घायल करने वाले सिपाही ललित कुमार को शासन के निर्देश पर एसएसपी ने पुलिस सेवा से बर्खास्त कर दिया है। ललित इन दिनों जमानत पर चल रहा है और बदायूं में ही तैनात है।

4 सितम्बर 2020 को उझानी कोतवाली में तैनात सिपाही ललित कुमार ने तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक ओमकार सिंह को अपनी मां की बीमारी का हवाला देकर एक प्रार्थना दिया जिसमें पांच दिन के अवकाश की मांग की गई थी। बताते है कि इस दौरान कोतवाली में तैनात एसएसआई रामौतार इंस्पेक्टर के समीप ही बैठे थे। बताते है कि इंस्पेक्टर ओमकार ने रामौतार से बातचीत कर तीन दिनों की छुट्टी मंजूर की थी जिससे सिपाही ललित ने इंस्पेक्टर को अपनी मजबूरी बताते हुए पांच दिन के अवकाश देने का अनुरोध किया मगर इसी बीच एसएसआई रामौतार ने सिपाही से कुछ ऐसा कह दिया जिससे वह एक दम तैश में आ गया और उसने अपने कंधे पर टंगी सरकारी इंसास रायफल को लोड कर लिया और एसएसआई रामौतार को निशाना बना कर फायरिंग शुुरू कर दी जिससे रामौतार दो गोलियां लगने के बाद गंभीर रूप से घायल होकर जमीन पर गिर पड़े जबकि इंस्पेक्टर ओमकार ने पुलिस कार्यालय में घुस कर अपनी जान बचाई। सिपाही ललित ने इस दौरान अंधाधुंध फायरिंग की और इंसास को अपने कंधे पर रख कर खुद को भी गोली मार ली और घायल होकर जमीन पर गिर पड़ा। सिपाही को गिरता देखा अपनी जान बचाने वाले पुलिस कर्मियों ने फुर्ती दिखाते हुए इंसास को अपने कब्जें में ले लिया। बताते है कि घटना के बाद पुलिस ने गंभीर रूप से घायल एसएसआई रामौतार और सिपाही ललित को जिला अस्पताल भेजा जहां से दोनों को हायर सेंटर बरेली रैफर कर दिया गया। पुलिस ने सिपाही के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी थी।
बताते है कि इलाज के दौरान सिपाही ललित को अस्पताल से ही बंदी बना कर जेल भेज दिया गया लेकिन सिपाही को अदालत से जमानत मिल गई। सिपाही ने अदालत में इंस्पेक्टर और एसएसआई पर उसकी हत्या का आरोप भी लगाया था। बताते है कि जमानत मिलने के कुछ दिन बाद ही सिपाही को बदायूं पुलिस लाइन में तैेनाती मिल गई तब से वह अपनी डियूटी कर रहा था। बताते हैं कि ललित के खिलाफ शासन के निर्देश पर विभागीय जांच चल रही थी जिसमें वह दोषी पाया गया तब शासन के निर्देश पर एसएसपी डा. ओपी सिंह ने आज उसे पुलिस सेवा से बर्खास्त कर दिया है। सिपाही ललित मूल रूप से हाथरस जंक्शन थाना क्षेत्र के गांव नगला गुलड़िया का रहने वाला है जबकि एसएसआई रामौतार अमरोहा जनपद के थाना डिडौली के गांव अशरफपुर के रहने वाले बताएं जाते हैं। एसएसआई रामौतार का अभी तक इलाज चल रहा है और वह पूरी तरह से सही नही बताएं जा रहे हैैं। यहां बता दें कि पहले लाॅक डाउन में कोतवाली में तैनात रहे इंस्पेक्टर विनोद चाहर से सिपाही ललित की काफी नजदीकिया थी।

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