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पुरानी अनाज मंडी में वेशकीमती सरकारी जमीन पर हो रहे है अवैध निर्माण, पालिका प्रशासन नोटिस से चला रहा है काम

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उझानी,(बदायूं)। पुरानी अनाज मंडी परिसर में वेशकीमती सरकारी जमीन पर अवैध रूप से कब्जा कर भवन स्वामी पक्के निर्माण करने में लगे हुए है। तमाम शिकायतों के बाद भी पालिका प्रशासन आर्थिक सांठगांठ के चलते अवैध निर्माणों पर चुप्पी साध गया है। पालिका प्रशासन अवैध निर्माणों को रोेकने के बजाय नोटिस देकर अवैध निर्माणों को बढ़ावा दे रहा है। पुरानी अनाज मंडी परिसर में वेश कीमती सरकारी जमीन पर लगातार हो रहे अवैध कब्जों पर कार्रवाई के बजाय जिला प्रशासन योगी सरकार की सरकारी जमीन कब्जा मुक्त अभियान पर पलीता लगा रहा है।

पुरानी अनाज मंडी परिसर में भवनों के सामने खाली पड़ी वेश कीमती जमीन पर भवन स्वामी लगातार अवैध रूप से कब्जा कर उस पर पक्के निर्माण कराने में लगे हुए है। वर्तमान समय में भी एक भवन स्वामी ने सरकारी जमीन पर अवैध रूप से कब्जा कर उस पर पक्का निर्माण शुरू कर दिया है। बताते है कि जागरूक लोगों की शिकायत पर पहुंचे पालिका कर्मियों ने निर्माण कार्य रूकवा दिया लेकिन कुछ देर बाद ही पुनः निर्माण कार्य शुरू हो गया। पालिका कर्मियों के निर्देश के बाद भी निर्माण कार्य शुरू होने से यह आम चर्चा हो गई कि निश्चित रूप से पालिका कर्मियों और भवन स्वामी के बीच आर्थिक सांठगांठ हुई होगी तभी पुनः निर्माण कार्य शुरू हो सका है। पुरानी अनाज मंडी परिसर में भवन स्वामियों ने अवैध कब्जों की हद कर दी है। बताते है कि भवन स्वामियों ने कई – कई वर्ग मीटर जगह को अपने कब्जें में लेकर उस पर पक्के निर्माण करा लिए है और अवैध निर्माण रोकने की जिम्मेेदारी पाले बैठा पालिका प्रशासन अवैध कब्जों को ध्वस्त कराने के बजाय उन्हें बढ़ावा दे रहा है।
यहां बताते चले कि कई बार अधिकारियों ने पुरानी अनाज मंडी परिसर को अवैध कब्जा मुक्त कराने के निर्देश पालिका प्रशासन को दिए लेकिन पालिका प्रशासन ने भवन स्वामियों के अवैध पक्के निर्माण तोड़ने के बजाया गरीबों के खोखे और फड़ों पर पड़े छप्पर आदि को तोेड़ कर अपने कर्तव्यों से इतिश्री कर ली। जागरूक नागरिकों का कहना है कि एक बार किसी भी सम्पत्ति पर चाहे सरकारी हो या निजी कब्जा हो जाए फिर उसे मुक्त कराने के लिए बड़ी दिक्कतें सामने आती है। नागरिकों का कहना है कि पालिका प्रशासन चाहता तो पालिका की इस जमीन पर अवैध कब्जें नही हो पाते। जागरूक नागरिकों ने योगी सरकार से पुरानी अनाज मंडी परिसर की वेश कीमती जमीन पर हो रहे कब्जों को संज्ञान में लेकर कड़ी कार्रवाई की मांग की है। इधर ईओ जेपी यादव का कहना है कि अवैध निर्माण की सूचना पर भवन स्वामी को नोटिस जारी किया गया है। जब उनसे पूछा गया कि अवैध निर्माण रोका क्यों नही गया तब उन्होंने कहा कि उन्होंने इसके लिए पुलिस को भी सूचना दे दी है।

पुरानी अनाज मंडी परिसर में अवैध निर्माण की बात सामने आई तब जांच कराई गई तो भवन स्वामी ने बताया कि पुराने निर्माण को सही करा रहा है लेकिन इसके बाद भी उसे नोटिस जारी किया गया है साथ ही उसके खिलाफ कार्रवाई को पुलिस को भी तहरीर दी गई है।
जेपी यादव, अधिशासी अधिकारी

नोटिस से खेल खेलते हैं पालिकाधिकारी
उझानी। नगर की पुरानी अनाज मंडी परिसर में भवनों के सामने खाली पड़ी वेशकीमती जमीन पर धीरे – धीरे भवन स्वामियों ने पूर्ण रूप से अपना कब्जा कर लिया है। भवन स्वामियों ने कई वर्ग मीटर जमीन पर अपने मकान बना लिए हैं साथ ही शेष जमीन अवैध रूप से किराए पर उठा कर बाजार बसा दिया है जिसके कारण भवन स्वामी प्रत्येक माह लाखों रुपया की आमदनी करने में लगे हुए हैं। बताते है कि भवन स्वामी अवैध कब्जा करने में इसलिए कामयाब हो जाते है कि शिकायत मिलने पर पालिका कर्मी मौके पर पहुंचते है लेकिन फिर अचानक ऐसा क्या हो जाता है कि अवैध निर्माण रूकने के बजाय और तेज गति से होने लगता है। बताते है कि पालिका कर्मी अवैध निर्माण रोकने के बजाय आर्थिक सांठगांठ कर अवैध निर्माण करने वाले को नोटिस जारी करते है साथ ही अवैध कब्जा करने वाले के खिलाफ कार्रवाई को पुलिस को भी लिखित देते है, इस खेल में अवैध कब्जा करने वाले भवन स्वामी के खिलाफ कितनी कार्रवाई होती है यह जग जाहिर है। बस इसी खेल ने पुरानी अनाज मंडी की वेश कीमती जमीन को भवन स्वामियों के कब्जें में पहुुंचा दिया है और पालिका कर्मी चंद रुपयों ंकी खातिर अवैध निर्माण को बढ़ावा देने में लगे हुए हैं। एक ओर योगी सरकार भू माफियाओं से सरकारी जमीनों को मुक्त कराने में लगी हुई है तो वही दूसरी ओर जिला प्रशासन समेत पालिका कर्मी पुरानी अनाज मंडी परिसर की वेश कीमती जमीन पर अवैध कब्जा कराने में लगे हुए है।

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