जनपद बदायूं

पुलिस के खौफ से रक्षाबंधन का त्यौहार मनाने के बजाय घरों में ताले डाल कर चले गए हैं पेंपल ग्रामीण

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बदायूं। वजीरगंज थाना क्षेत्र के गांव पेंपल में पुलिस के खौफ के चलते रक्षाबंधन का त्यौहार कई दर्जन ग्रामीणों ने नहीं मनाया वही आजादी का अमृत महोत्सव भी गांव में नहीं मनाया जा रहा। ग्राम में दहशत इतनी है कि पुलिस कार्रवाई की दहशत से लोग घरों में ताले डालकर फरार है। जिसकी क्षेत्र में व्यापक चर्चा है।

पूरा देश आजादी का अमृत महोत्सव एवं रक्षाबंधन का पवित्र त्योहार मना रहा है वहीं पुलिस के खौफ के कारण पेंपल गांव के वाशिंदे रक्षाबंधन का त्योहार नहीं मना पाए। क्षेत्र के नागरिकों का कहना है कि आजादी के 75 साल बीतने के बाद भी पुलिस की बर्बरता की पूरे जिले में व्यापक चर्चा है। इसी के चलते केंद्र व प्रदेश सरकार का घर घर तिरंगा अभियान भी सफल नहीं हो पा रहा है गांव में अधिकांश धरो पर भी घर पर तिरंगा नहीं लगा हुआ है। ग्रामीणों का कहना है कि भाजपा नेता इस मामले से अंजान बने हुए हैं। ज्ञात रहे कि थाना बजीरगंज के गांव पेंपल में एक युवक सुखवीर की अपहरण के बाद हत्या से नाराज ग्रामीणों ने पुलिस पर हमला कर दिया था। जिससे पुलिस ने 17 लोगों को नामजद करते हुए 100 अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। मृतक सुखवीर के अंतिम संस्कार के बाद वजीरगंज पुलिस ने अपना रौद्र रूप दिखाना शुरू किया था। ग्रामीणों का कहना है कि पुलिस के भय से मृतक सुखवीर का दसवां संस्कार भी नहीं हो पाया। क्यों कि 10 अगस्त को सुखवीर का दसवां संस्कार था लेकिन पुलिस ने एक दिन पहले ही पूरे गांव में तांडव मचाया। किससे गांव वाले दहशत में आ गए। पुलिस ने मृतक सुखवीर के तीन भाई व एक चाचा को गिरफ्तार कर दस अगस्त को दसवें वाले दिन जेल भेज दिया। इसके साथ ही पुलिस ने गांव में जो भी मिला उसे मारा पीटा। पुलिस ने अपना रूप दिखाते हुए गांव में भाजपा बूथ अध्यक्ष मुकेश मौर्य व उसके परिजन को भी नही छोड़ा । भाजपा बूथ अध्यक्ष व उसके परिवार पर भी पुलिस ने कहर ढहाया। लेकिन अभी तक किसी भी भाजपा नेता ने इस ओर ध्यान न दिया है।

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