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उझानी रेलवे स्टेशन पर नही रूकती है लम्बी दूरी की गाड़ियां, जनप्रतिनिधि है इसकी वजह

उझानी(बदायूं)। बरेली-मथुरा रेलमार्ग स्थित व्यापारिक दृष्टिकोण के नगर उझानी की रेलवे स्टेशन पर लम्बी दूरी की रेल गाड़ियां का ठहराव न होने के कारण विभिन्न राज्यों को आने-जाने वाले व्यापारियों के अलावा पूरे देश में उझानी से यात्रा करने वाले नागरिकों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। यहां से जाने और यहां आने वाले नागरिकों एवं व्यापारियों को विभिन्न राज्यों को जाने के लिए बदायूं या मथुरा जाने को मजबूर होना पड़ रहा है।
व्यापारी वर्ग और नागरिक लम्बी दूरी की रेल गाड़ियों का ठहराव उझानी स्टेशन पर कराने की मांग काफी समय से करता आ रहा है मगर उनकी आवाज को जनप्रतिनिधियों का साथ न मिल पाने के कारण रेल विभाग उनकी मांगों पर गौर ही नही करता है साथ ही उसकी दिलचस्पी यहां गाड़ियों के ठहराव को नही है।

ब्रेली-मथुरा रेलमार्ग का ब्राडगेज में तब्दील होने के बाद से देश के दूर दराज क्षेत्रों में यात्रा करने वाले नागरिकों मंे एक उम्मीद की किरण जागी कि अब इस मार्ग पर वाया मथुरा होते हुए देश के किसी भी हिस्से में आसानी से पहुंचा जा सकेगा। शुरू में तो लम्बी दूरी की रेल गाड़ियां न चल सकी लेकिन पिछले कुछ समय से पूर्वोत्तर रेलवे ने उझानी होते हुए लम्बी दूरी की यात्री गाड़ियों का संचालन शुरू कर दिया है। पूर्वोत्तर रेलवे ने लालकुंआ-राजकोट, रामनगर-बांद्रा सुपर फास्ट एक्सप्रेस, काठगोदाम-मुम्बई एक्सप्रेस को चलाया है। यह रेलगाड़ियां उत्तर प्रदेश के अलावा बिहार, राजस्थान, गुजरात होती हुई महाराष्ट्र राज्य तक जाती है। पूर्वाेत्तर रेलवे ने इन गाड़ियों का ठहराव उझानी जैसी महत्वपूर्ण स्टेशन पर नही किया है जबकि इस स्टेशन से देश के विभिन्न राज्यों के नगरों तक जाने वाले यात्रियों की बड़ी तादात है। इसके अलावा उझानी नगर व्यापारिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण स्थान रखता है। यहां से अनाज खरीदने के लिए दक्षिण भारत तक की कम्पनियां अपने प्रतिनिधि भेजती है और यहां मक्का व गेंहू आदि अनाज बड़ी तादात में मालगाड़ियों के जरिए दक्षिण भारत तक जाता हैं।

लम्बी दूरी की रेलगाड़ियों के उझानी स्टेशन पर न रूकने के कारण व्यापारियों को बदायूं या फिर कासगंज, मथुरा आदि स्टेशनों पर अपनी यात्रा करने के लिए जाना पड़ता है ऐसी स्थिति में व्यापारी खुद का असुरक्षित महसूस करता है। व्यापारियों के साथ उझानी नगर की जनता पिछले काफी समय से उझानी स्टेशन पर लम्बी दूरी की गाड़ियों के ठहराव की लगातार मांग करती आ रही है लेकिन उनके लिए बदायूं के सांसद, विधायकों एवं केन्द्र व प्रदेश के मंत्रियों का साथ न मिलने के कारण उसकी मांग पूरी होते नजर नही आ रही है।

उझानी रेलवे स्टेशन की की परामर्श समिति में हैं तीन सदस्य
यहां रेलवे स्टेशन समिति के सदस्यों में नगर के तीन सदस्य अखिल अग्रवाल, अमित शर्मा और अशोक तोमर है। यह सदस्य जनता की मांग को रेल विभाग और अधिकारियों तक पहुंचाने के बजाय होने वाली बैठकों में शामिल होकर चुपचाप वापस अपने घरों को लौट आते है। अगर यह सदस्य जनता की आवाज को रेल अधिकारियों की बैठक के अलावा पूर्वोत्तर रेलवे मुख्यालय झांसी तक मुखर होकर उठाते तो शायद उझानी में लम्बी दूरी की गाड़ियों का ठहराव संभव हो सकता था। दूसरी ओर क्षेत्रीय सांसद और विधायक भी जनता की आवाज को रेल मंत्रालय तक नही पहुंचाना चाहते है जिससे पूर्वोत्तर रेलवे के अधिकारी उझानी स्टेशन पर लम्बी दूरी की गाड़ियों का ठहराव देने से मना कर देते हैं।

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