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मार्च माह में पीएम अन्न योजना के खाद्यान्न से भारी संख्या में वंचित रह गए कार्डधारक, न रिफायंड मिला और न ही गेंहू-चावल

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उझानी,(बदायूं)। जिला पूर्ति विभाग की मनमानी के चलते जिले भर में भारी संख्या में राशन कार्डधारक मार्च माह में पीएम अन्न योजना के खाद्यान्न से वंचित होना पड़ा। बड़ी संख्या में कार्डधारकों को न तो गेंहू-चावल मिला और न ही रिफायंड और दाल जिससे कार्डधारकों में जिला पूर्ति विभाग के खिलाफ भारी रोष व्याप्त है। जिला प्रशासन भी मार्च माह के खाद्यान्न से वंचित रहे कार्डधारकों को गेंहू-चावल भी न दिलवा सका। मार्च माह के खाद्यान्न को लेकर पूर्ति विभाग के अधिकारी गुमराह करते रहे।

मार्च माह में अधिकारियों कोे चुनाव का नया बहाना मिल गया था जिससे जिला प्रशासन से लेकर पूर्ति विभाग के अधिकारियों का ध्यान खाद्यान्न वितरण कराने की ओर नही था। मतगणना होने के उपरांत कार्डधारकों में आशा थी कि होली के पर्व पर खाद्यान्न गेंहू-चावल के साथ रिफायंड और दाल व नमक भी मिल जाएगा जिससे होली पर खाद्य पदार्थो की महंगाई से हद तक राहत मिल सकेगी लेकिन होली पर भी खाद्यान्न का वितरण नही हुआ। बताते हैं कि होली के उपरांत लगभग 20 मार्च से जिले में खाद्यान्न का वितरण प्रारंभ हुआ लेकिन दो दिन के वितरण के बाद ही खाद्यान्न वितरण को रोक दिया गया। बताते हैं कि जब कार्डधारकों ने राशन डीलरों से खाद्यान्न वितरण न होने के बारे में पूछा तब राशन डीलरों ने बताया कि रिफायंड खत्म हो गया है जिसकी वजह से वितरण को रोक दिया गया है। कार्डधारकों ने जब राशन डीलरों से कहा कि वह उन्हें गेंहू चावल दें दे तो उन्होंने कहा कि जब तक रिफायंड नही आ जाता तब तक मशीन नही चलेगी। राशन कार्डधारक कोटेदारों की बात सुन कर चुप्प हो गए और रिफायंड का इंतजार करने लगे। बताते हैं कि कोटेदारों का कहना था कि 31 मार्च तक मशीन चल सकती है लेकिन 31 मार्च भी बीत गई और कार्डधारकों को रिफायंड तो छोड़िएं गेंहू-चावल तक नसीब न हो सका। बताते है कि कई कार्डधारकों ने जिला पूर्ति विभाग के अधिकारियों व कर्मियों से सम्पर्क किया तब वह गुमराह करते रहे। बताते है कि कार्डधारकों को मार्च माह के पीएम अन्न योजना का खाद्यान्न न मिला यह जानकारी जिलाधिकारी समेत अन्य प्रशासनिक अधिकारियों को भी थी लेकिन प्रशासनिक अधिकारियों ने कार्डधारकों को गेंहू-चावल तक दिलवाने की जरूरत महसूस नही की। जागरूक समाजसेवियों का कहना है कि शासन को मार्च माह में खाद्यान्न का पूर्ण वितरण न होने की जांच करा कर दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई अमल में लानी चाहिए। समाजसेवियों का कहना है कि मार्च माह में जो कार्डधारक खाद्यान्न से वंचित रह गए हैं उन कार्डधारकों को अप्रैल में वितरित हो रहे खाद्यान्न के साथ पिछला गेंहू चावल व रिफायंड भी दिलवाया जाए। मार्च माह में खाद्यान्न से वंचित रहे कार्डधारकों की कितनी संख्या है के बारे में जिला पूर्ति विभाग के जितेन्द्र नामक कर्मी से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि यह बताना उनके लिए संभव नही है।

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