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नमामि गंगे योजना को गंगा किनारे कूड़ा डम्प कर पलीता लगा रहा है नगर पंचायत कछला, प्रशासन मौन

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उझानी,(बदायूं)। भारत सरकार से लेकर उत्तर प्रदेश सरकार नमामि गंगे योजना के तहत पवित्र गंगा नदी को अविरल गंगा और निर्मल गंगा का दर्जा देने के लिए करोड़ों रुपया पानी तरह बहा रही है लेकिन सरकारी मशीनरी ही नमामि गंगे योजना को पलीता लगाने पर तुली हुई है। कछला स्थित बरेली मंडल की एक मात्र पवित्र गंगा नदी किनारे नगर पंचायत कूड़ा एकत्र करा रही है जिससे पवित्र नदी के दूषित होने की संभावना बढ़ गई है वही श्रद्धालुओं को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

उझानी क्षेत्र के कछला स्थित पवित्र गंगा नदी किनारे नगर पंचायत द्वारा कूड़ा एकत्र करने का मामला भाजपा के वरिष्ठ नेता और उझानी सहकारी समिति के चेयरमैन तथा भाजपा सहकारिता प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष और श्री गंगा आरती सेवा समिति के सदस्य किशन शर्मा ने मुखर किया है। श्री शर्मा ने मंगलवार को जब गंगा किनारे नगर पंचायत कर्मियों द्वारा कूड़ा डम्प करते देखा तो उन्होंने जानकारी की मगर पंचायत कर्मी अपनी मनमानी पर रहे। श्री शर्मा ने इस बाबत नगर पंचायत के ईओ रामरतन पाण्डेय से बात की तब उन्हांने गंगा किनारे कूड़ा डम्प न कराने का आश्वासन दिया। बुधवार को श्री शर्मा ने एक बार फिर गंगा तट का भ्रमण अपने कार्यकर्ताओं के साथ किया तब पता चला कि पंचायत कर्मियों ने पक्का शमशान घाट के समीप कूड़ा डालना शुरू कर दिया है। श्री शर्मा ने पंचायत कर्मियों से नाराजगी व्यक्त की और फिर उपजिलाधिकारी सदर समेत पार्टी के विधायक और वरिष्ठ नेताओं को गंगा किनारे कूड़ा एकत्र करने की जानकारी देते हुए बात की। श्री शर्मा का कहना है कि गंगा किनारे जब कूड़ा एकत्र होगा तब हवा के जरिए कूड़ा गंगा नदी में जा गिरेगा जिससे पवित्र गंगा नदी के दूषित होने का खतरा बढ़ जाता है। श्री शर्मा ने कहा कि भारत सरकार से लेकर उत्तर प्रदेश की लोकप्रिय सरकार पवित्र गंगा नदी को अविरल और निर्मल गंगा बनाने के प्रयास में है लेकिन पंचायत कर्मी गंगा को दूषित करने के प्रयास में लगे हुए हैं। श्री शर्मा का कहना है कि अगर गंगा किनारे से कूड़ा पूरी तरह से न हटाया गया तो वह शासन स्तर पर इस मामले को पहुंचाएंगे। इधर गंगा तट आने वाले श्रद्धालुओं का कहना है कि कछला क्षेत्र कटरी के रूप में जाना जाता है और कई स्थान ऐसे है जहां आबादी भी नही है और न ही गंगा बह रही है वहां नगर पंचायत कूड़ा एकत्र कर सकती है लेकिन ऐसा करने के बजाय गंगा किनारे कूड़ा एकत्र कर श्रद्धालुओं की भावनाओं से खिलाबाड़ की जा रही है। श्रद्धालुओं का कहना है कि जिला प्रशासन नगर पंचायत के विरूद्ध कार्रवाई करने के बजाय मूक दर्शक बन गया है।

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