जनपद बदायूं

प्रकृति का कहरः आसमान से बरसती आफत से त्राहिमाम कर उठा है जनमानस

उझानी(बदायूं)। पिछले चार दिनों से दिन-रात लगातार हो रही बरसात से जनमानस त्राहिमाम् कर उठा है। आफत की बरसात ने जन जीवन को पूरी तरह से ठप्प कर दिया है जिससे इंसान बेबस भरी नजरों से आसमान की ओर देखने लगा है। कुछ नागरिकों का मानना है कि धरती पर इंसानी मनमानी पर यह बरसात प्रकृति का प्रकोप है जो यह संकेत दे रहा है कि अगर इंसान ने अपनी मनमानी न रोकी तो भविष्य में इससे भी घातक परिणाम देखने को मिलेंगे।

नगर में चार दिनों से लगातार 24 घंटे बरसात हो रही बरसात ने जन जीवन पर पूरी तरह से ब्रेक लगा दिया है। नागरिक अपने घरों में कैद होने को मजबूर हो गए हैं वही बरसात के चलते बाजारों से ग्राहक नदारद है जिससे दुकानदार हाथ पर हाथ धरे प्रकृति की ओर देख रहे है कि शायद भगवान उनकी प्रार्थना सुन कर बरसात रोक दें। सबसे ज्यादा आर्थिक मार दिहाड़ी मजदूरों पर पड़ी है। दिहाड़ी मजदूरों को काम न मिल पाने के कारण उनके परिवार के समक्ष रोटी का संकट खड़ा हो गया है।

निचले इलाकों में भरा पानी, कई मकानों की दीवारें गिरी
लगातार हो रही बरसात से नगर समेत आसपास क्षेत्र के निचले इलाकों में पानी भर जाने के कारण लोगों को भारी परेशानियों का सामाना करना पड़ रहा है। अस्पताल परिसर समेत मिल कम्पाउण्ड क्षेत्र के निचले इलाकों में भरा पानी अब घरों तक पहुंचने लगा है। मिल कम्पाउण्ड की नई बस्ती में कई मकानों के आसपास दो से तीन फिट तक पानी जमा हो गया है जिससे मकानों को खतरा पैदा हो गया है। रविवार की देर रात तक बरसात का सिलसिला जारी रहा।

फसलों पर कहर बन कर टूटी है बरसात, खेत हुए जलमग्न, फसले गिरी
चार दिनों से लगातार हो रही बरसात का फसलों पर सबसे ज्यादा असर देखने को मिला है। धान, बाजरा समेत अन्य फसलें पक कर खेतों में कटने के लिए खड़ी है जबकि कई किसानों ने धान की फसल को काट कर खेतों में डाल दिया ताकि उससे उपज को निकाला जा सके मगर अचानक आसमान से बरसनी शुरू हुई आफात की बारिश से कटी फसले पानी में पूरी तरह से डूब गई जबकि खड़ी फसलों के खेत जलमग्न है जिसका सीधा प्रभाव फसलों पर पड़ने लगा है। पकी खड़ी फसलों में पानी भर जाने के कारण किसानों के चेहरें पर चिंता की लकीरें साफ दिखने लगी है। किसान नेता सत्यवीर सिंह यादव का कहना है कि अगर बरसात न रूकी तो खेतों में तैयार खड़ी फसलों को खराब होने से कोई नही रोक सकता है। उन्होंने कहा कि प्रकृति के कहर से बचने के लिए सभी को ईश्वर से प्रार्थनाएं करनी चाहिए।

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