जनपद बदायूं

गोद लिए गांवों में जाकर अधिकारी स्वयं करें निरीक्षणः डीएम

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बदायूं। जिलाधिकारी दीपा रंजन ने मुख्य चिकित्साधिकारी डा. विक्रम सिंह पुण्डीर, पीडी डीआरडीए अनिल कुमार, जिला विकास अधिकारी चन्द्र शेखर एवं जिला कार्यक्रम अधिकारी आदीश मिश्रा व सम्बंधित चिकित्सकों एवं अधिकारियों के साथ बुधवार को कलेक्ट्रेट स्थित सभागार में पोषण अभियान कंवर्जन्स प्लान के अन्तर्गत जिला स्तरीय बैठक आयोजित की।

डीएम ने निर्देश दिए कि एएनएम, आशा, सीडीपीओ एवं आंगनबाड़ी घर.घर जाकर कुपोषित एवं अति कुपोषित बच्चों को चिन्हित कर उन्हें सामान श्रेणी में लाने की कार्रवाई पूर्ण करेंगी। उन्होंने निर्देश दिए कि अति कुपोषित बच्चों को चिन्हित कर एनआरसी में भर्ती कराया जाए जिससे बच्चे कुपोषण मुक्त होकर लाल श्रेणी से बाहर आ सकें। उन्होंने आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों की जिम्मेदारी तय की है कि वह सुनिश्चित करें कि अति कुपोषित बच्चों को मानक अनुसार पुष्टाहार मिल रहा है अथवा नहीं। अभिभावकों को बताया जाए कि क्या.क्या सामग्री किस प्रकार बच्चे को खिलाना है। डीएम ने निर्देश दिए हैं कि जिन अधिकारियों ने गांवों को कुपोषण मुक्त करने के लिए गोद लिया है वह गांवों में स्वयं जाकर कुपोषित बच्चों के अभिभावकों से मिलकर उन्हें जागरूक करते हुए बताएं कि बच्चों के स्वास्थ्य के लिए किन.किन चीजों का होना आवश्यक है एवं किस प्रकार उनके खान.पान का ख्याल रखा जाए जिससे कि उनके बच्चे कुपोषण मुक्त हो सकें। उन्होंने निर्देश दिए कि निरीक्षण के अगले माह तक कुपोषित एवं अति कुपोषित बच्चों में परिवर्तन भी नजर आना चाहिए। जिन कुपोषित व अति कुपोषित बच्चों के अभिभावक बेरोजगार हैं तो उन्हें रोजगार एवं राशन कार्ड बनाकर खाद्यान मुहैया कराया जाए। डीएम ने कहा कि शिशु के जन्म के 1 घंटे के भीतर से 6 माह तक बच्चे को सिर्फ मां का ही दूध पिलाया जाए। अधिकतर बच्चे मां का नियमित दूध न मिल पाने के कारण कुपोषित हो जाते हैं।

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