उझानी,(बदायूं)। प्रदेश में गत माह हुए विधानसभा चुनाव से राशन वितरण प्रणाली का हाल बेहाल हो गया है। मार्च माह से ही खाद्यान्न वितरण का कार्य पटरी से उतरा चल रहा है। शासन के मंत्रियों से लेकर जिला प्रशासन तक खाद्यान्न वितरण का दम तो भरते हैं लेकिन जमीनी हकीकत में खाद्यान्न वितरण प्रणाली पूरी तरह से विफल हो गई है।
कभी रिफायण्ड, चना और नमक आदि न होने का रोना रो कर खाद्यान्न का वितरण रोका जा रहा है तो कभी वितरण की तरीख तय नही हो पा रही है। पूरी मई गुजर गई लेकिन कार्ड धारकों में एक बार का भी गेंहू, चावल, रिफायण्ड, चना और नमक आदि का वितरण नही कराया गया है। मई में खाद्यान्न का वितरण न होने से कार्ड धारक भी असमंजस्य की स्थिति में है कि उसे मई का खाद्यान्न मिलेगा भी या नही।
उत्तर प्रदेश में फरवरी से विधानसभा चुनावों का दौर शुरू हुआ था तभी से राशन वितरण प्रणाली पटरी से उतर गई। फरवरी के अलावा मार्च में एक बार का खाद्यान्न कार्डधारकों को मिल गया था लेकिन इसके बाद कार्डधारक आज तक सुचारू रूप से खाद्यान्न प्राप्त करने के लिए मशक्कत कर रहे हैं। व्यवस्थित तरीके से खाद्यान्न न मिलने से सबसे अधिक परेशानी मध्य एवं गरीब वर्ग को झेलनी पड़ रही है। महंगाई के दौर में उसे महंगे दामों पर खुले बाजार से गेंहू, चावल, रिफायण्ड, चना और नमक आदि खरीदने को मजबूर होना पड़ रहा है। गत मार्च माह में प्रदेश में दूसरी बार योगी सरकार बनने पर उनके मंत्रियों ने ऐलान किया कि अप्रैल माह में तीन बार खाद्यान्न का वितरण कार्डधारकों में किया जाएगा लेकिन यह सिर्फ हवा में तीर ही नजर आया। अप्रैल माह में शासन की लाहपरवाही और अधिकारियों की मनमानी के चलते केवल दो बार खाद्यान्न का वितरण कराया गया था जबकि तीसरी बार का वितरण मई के महीने में कराया गया। जिला पूर्ति अधिकारियों की मनमानी के चलते मई का पूरा महीना बीत गया मगर खाद्यान्न का वितरण एक बार भी न हो सका। कार्डधारक राशन डीलरों के पास लगातार चक्कर लगा रहे हैं कि आखिर मई में खाद्यान्न का वितरण क्यों नही किया गया? मगर राशन डीलर खुद परेशान है और कहा रहे हैं कि जैसे ही खाद्यान्न वितरण की तारीख आएगी कार्डधारकों को बताया दिया जाएगा। राशन वितरण प्रणाली पटरी से क्यों उतरी? यह बताने के लिए जिला पूर्ति कार्यालय का कोई भी जिम्मेदार बताने को तैयार नही है और जिस माह का खाद्यान्न कार्डधारकों को नही मिला है उसका वितरण होगा भी या नही? परेशान तो गरीब एवं मध्य वर्गीय कार्डधारक है जो महंगाई के दौर में सरकार से मिलने वाले खाद्यान्न से अपने परिवार को दो वक्त की रोटी आसानी से खिलवा देता था। इस बारे में जानकारी करने पर जिला पूर्ति अधिकारी से मोबाइल पर सम्पर्क साधा गया मगर उनका फोन न उठ सका अलबत्ता जिला पूर्ति कार्यालय के जितेेन्द्र नामक लिपिक ने फोन उठा लिया और कहा कि राशन तो बंटेगा मगर अब यह योजना एक माह लेट हो गई है। जब उनसे पूछा गया इसके लिए जिम्मेदार कौन है तो वह चुप्पी साध गए। बहरहाल बदायूं जनपद में जिला पूर्ति अधिकारी और कर्मचारियों की मनमानी से कार्डधारक परेशान और हैरान है। जागरूक नागरिकों का कहना है कि प्रदेश की योगी सरकार को चाहिए कि वह राशन प्रणाली पटरी से उतरने की निष्पक्ष जांच कराएं तो निश्चित ही विभागीय स्तर पर करतूते सामने आ सकती हैं।
मार्च में बड़ी संख्या में कार्डधारक खाद्यान्न से वंचित रह गए थे
उझानी। मार्च माह में भी बड़ी संख्या में पूरे जनपद के कार्डधारक खाद्यान्न पाने से वंचित रह गए थे। राशन डीलरों ने बड़ी संख्या में कार्डधारकों को खाद्यान्न देने से मना करते हुए कहा कि जब तक रिफायण्ड नही आ जाता तब तक मशीन से कार्डधारक का अंगूठा नही लगवाया जा सकता है। राशन डीलरों से लेकर जिला पूर्ति कार्यालय के कर्मचारी और अधिकारी मार्च माह में तारीख पर तारीख खाद्यान्न देने के लिए देते रहे और अंत में मार्च बीत जाने के बाद राशन डीलरों ने हाथ खड़े कर दिए कि जो रह गए उन्हें अब रिफायण्ड तो दूर की बात गेंहू चावल तक नही मिल सकता है।
जून माह के वितरण की अभी तारीख तय नही
उझानी। जिला पूर्ति कार्यालय के जितेन्द्र नामक कर्मी ने बताया कि जून माह में खाद्यान्न वितरण की तारीख अभी आई नही है। जब उनसे पूछा गया कि चर्चा तीन जून से खाद्यान्न वितरण कराएं जाने की है तो उन्होंने इस पर कहा कि अभी कुछ भी तय नही है तारीख आने पर खाद्यान्न का वितरण कराया जाएगा।