जनपद बदायूं

सत्संग से मनुष्य के अंदर सुविचार जाग्रत होते हैं: बाबा फुलसंदे

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बदायूं। सतपुरुष बाबा फुलसंदे वालों का त्रिदिवसीय दिव्य सत्संग दूसरे दिन मंगलबार को भी जारी रहा सतसंग के दूसरे दिन भक्तों की भारी भीड़ रही सतसंग के दौरान भंडारा भी जारी रहा जिसमें अनेक श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया।

सतपुरूष बाबा फुलसंदे वालों ने अपने प्रवचन में कहा कि मनुष्यों को अपने सत्कर्मों के फूलों से उस प्रभु की आराधना करनी चाहिए और हृदय की गहराइयों से प्रभु के चरणों में प्रणाम करने से गुरेज नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा कि बहुत से शरीरों का खोल बदलने के बाद मानव शरीर की प्राप्ति होती हैए मानव शरीर में मार्ग ईश्वर का मार्ग है। जो बड़ी मुश्किल से प्राप्त होता है। इस मार्ग पर विचारण करने वाली देवात्माएं धर्माचरण करने वाले व्यक्ति के साथ चलती हैं उन्होंने कहा कि जिस प्रकार हंस दूध और पानी के मिश्रण में से दूध का सेवन कर पानी छोड़ देता है उसी प्रकार मनुष्य को सदगुण ग्रहण करना चाहिए और अवगुणों का त्याग करना चाहिए। सद्गुण और भक्ति इश्वर के मार्ग पर चलने में मानव की सहायता करतें है। उन्होंने कहा कि सतसंग से मनुष्य में सुविचार जाग्रत होते है और सदगुणों का विकास होता है जो मानव जीवन को प्रकाशमय करते हैं। गुरु परम्परा ईश्वर की प्राप्ति का रास्ता है बिना गुरू के ईश्वर की प्राप्ति असम्भव है। गुरू ही ईश्वर की पहचान कराता है इसलिए प्रत्येक व्यक्ति का कर्तव्य है कि गुरू की शरण में जाएं। प्रवचन के पश्चात प्रसाद व फलों का वितरण किया गया एवं भोजन की व्यवस्था भी रही। नगर पालिका परिषद की चेयरपर्सन दीपमाला गोयल ने सतपुरूष बाबा फुलसन्दे वालों को पुष्प भेंट कर उनका सम्मान किया। इस अवसर पर जगदीश सरन शर्मा, अशोक खुराना संतोष शर्मा, निवेन्द्र अमीन, विजय मेंहदीरत्ता, राजीव सक्सेना, वीण्केण् चढढा, राजीव भारद्वाज, गुलाब सिंह राठौर, महावीर प्रसाद शर्मा, एमण्पीण् सिंह, भीमसेन सगर, ऋषि पाल सिंह, जितेन्द्र साहू, मुन्ना लाल पत्रकार व केण्केण् साहू आदि भक्तगण उपस्थित रहे।

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