जनपद बदायूं

शिव ही सत्य है, शिव ही प्रारम्भ है, शिव ही अंत हैं : कथा वाचक

बदायूं। श्री शिव शक्ति आध्यात्मिक सेवा संस्थान द्वारा सावन के पवित्र माह में श्री शिव महापुराण की महाकथा के तीसरे दिन कथा प्रवक्ता पं शारदा प्रसाद तिवारी ने भगवान शिव एवं माता सती की कथा सुनाई।

उन्होंने कथा की महिमा गान करते हुए सुनाया कि माता सती ने अपने पिता राजा दक्ष द्वारा अपने पति भगवान शंकर को यज्ञ मे ना बुलाये जाने पर अपने पति भगवान शंकर का अपमान समझकर राजा दक्ष के यज्ञ में स्वयं की आहुति दे दी।जैसे ही भगवान शंकर को माता सती के यज्ञ में आहुति होने की सूचना मिली तब भगवान शंकर माता सती के वियोग में उनके शव को लेकर तांडव करने लगे। इस घटना से सम्पूर्ण ब्रह्मण्ड में हाहाकार मच गया।सम्पूर्ण सृष्टि विनाश के द्वार पर खड़ी हो गयी।तब भगवान विष्णु ने सुदर्शन चक्र से माता सती के शव को ५६ टुकड़ों में काट दिया जो विभिन्न स्थानों पर गिरे वही स्थान आज शक्तिपीठ माने जाते है जहां माता सती के शरीर के हिस्से गिरे थे। शिव पुराण की महिमा का बखान करते हुए कथा प्रवक्ता पंडित शारदा प्रसाद तिवारी ने कहा कि सावन माह भगवान शिव को सर्वाधिक प्रिय है। सावन माह में भगवान शिव को बेलपत्र चढ़ाने से मनुष्य के कई जन्मों के पाप नष्ट होते हैँ।उन्होंने भगवान शिव की महिमा का गान करते हुए भक्तों को भाव विभोर कर दिया। इस अवसर पर दिनेश चंद्र शर्मा,मुरली मनोहर शर्मा,अशोक गुप्ता गीता शर्मा, अंजलि मिश्रा, चर्चा पाठक, सोमनाथ पाठक, नरेश उपाध्याय, सुरेंद्र मिश्रा, रितेश उपाध्याय, अजीत शंखधार, ाजू शर्मा, संतोष शर्मा, राधा गुप्ता, अभिषेक शर्मा आदि भक्तगण उपस्थित रहे।

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