बदायूं। श्री शिव शक्ति आध्यात्मिक सेवा संस्थान में चल रही शिव महापुराण कथा के पांचवें दिन कथा प्रवक्ता पं शारदा प्रसाद तिवारी ने भगवान शिव एवं माता पार्वती के विवाह की कथा सुनाई। कथा की महिमा का बखान करते हुए उन्होंने बताया कि माता पार्वती ने हजारों वर्ष तपस्या करके भगवान शंकर को प्रसन्न किया एवं खुद को भगवान शिव से धर्मपत्नी के रूप में स्वीकार करने का वरदान मांगा। भगवान शंकर ने उन्हे पत्नी रूप में स्वीकार करने का वरदान दिया।
पर्वतराज् हिमालय की पुत्री माता पार्वती का विवाह भगवान शंकर से धूमधाम से किया गया। भगवान शंकर की बारात में देवता, दानव, भूत प्रेत, यक्ष, गन्धर्व, किन्नर नाचते गाते हुए बारात को अलौकिक बना रहे थे। कथा वाचक ने कहा कि भगवान शंकर एवं माता पार्वती के विवाह के पश्चात ही संसार में विवाह संस्कृति का प्रारम्भ हुआ था। भगवान शिव एवं पार्वती के विवाह की झाँकियां भी प्रस्तुत की गयी। पंडित शारदा प्रसाद तिवारी ने भगवान शिव की महिमा का गान करते हुए भक्तों को भाव विभोर कर दिया उन्होने शिव पुराण की महिमा बताते हुए कहा कि शिव पुराण के पाठ से समस्त कष्टों का अंत होता है। श्री शिव शक्ति आध्यात्मिक सेवा संस्थान के निदेशक पं अमन मयंक शर्मा एवं सचिव पं गौरव पाठक ने बताया कि कथा उपरान्त शिवालय में उपस्थित शिवलिंग का रुद्राभिषेक किया गया। उसके उपरान्त आरती एवं प्रसाद का वितरण किया गया। इस अवसर पर भाजपा जिलाध्यक्ष राजीव कुमार गुप्ता, दिनेश चंद्र शर्मा, मुरली मनोहर शर्मा, अशोक गुप्ता, गीता शर्मा, अंजलि मिश्रा, चर्चा पाठक, सोमनाथ पाठक, नरेश उपाध्याय, सुरेंद्र मिश्रा, अजीत शंखधार, राजू शर्मा, संतोष शर्मा, राधा गुप्ता, अभिषेक शर्मा, संजीव पाराशरी, अम्बे शर्मा, नियति मिश्रा, काव्या पाठक, वैदिक पाठक आदि भक्तगण उपस्थित रहे।