बिल्सी,(बदायूं)। सिद्धपीठ श्री बालाजी धाम के तत्वावधान में नगर के ज्वाला प्रसाद जैन स्कूल में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के विश्राम दिवस की कथा व्यास करते हुए जगद्गुरू श्री रामानुजाचार्य स्वामी रामचन्द्राचार्य ने श्री कृष्ण की ओर से राजा परीक्षित को दिए श्राप और फिर मुक्ति के लिए उनके भाई सुखदेव से मिलन की कथा सुनाई।
उन्होंने बताया कि श्रीमद् भागवत कथा का श्रवण आत्मा का परमात्मा से मिलन करवाता है। सुखदेव मुनि ने राजा परीक्षित से कहा कि हे परीक्षित सब को सात दिन में ही मरना है। इस सृष्टि में आठवां दिन तो अलग से बना नहीं है। संसार में जितने भी प्राणी हैं वे सभी परीक्षित हैं। सब की मृत्यु एक न एक दिन तो होनी है और जो मनुष्य एक बार श्रीमद् भागवत की कथा श्रवण कर ले और उसे सुनकर जीवन में उतार ले तो उसके समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं। उसे भगवान की प्राप्ति हो जाती है। ज्ञान के बिना जीवन में अंधेरा है और आचरण के बिना जीवन की पवित्रता नहीं है। चेतना के विकास के लिए ज्ञान के साथ अच्छा आचरण होना जरूरी है। महन्त मटरुमल शर्मा महाराज ने कथा में सहयोगी रहे पालिकाध्यक्ष अनुज वार्ष्णेयए एसडीएम संजय कुमार सिंह, कथावाचक स्वामी रामचन्द्राचार्य और नगर के मीडिया कर्मियों को प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया। इस मौके पर प्रदीप शर्मा, ओजित शर्मा, संजीव शर्मा, राजीव शर्मा, यश भारद्वाज, राजीव शर्मा, श्रीकांत मिश्रा, नरेंद्र गरल, दीपक माहेश्वरी, शांति देवी, मंजुला शर्मा, रीनू शर्मा, मनीषा शर्मा, रेखा शर्मा कल्पना भारद्वाज, ममता राठी, मोहित देवल, देव वार्ष्णेय, मुकेश गुप्ता, नीरज तोष्णीवाल, राजेश माहेश्वरी आदि मौजूद रहे।