उझानी,(बदायूं)। रामलीला मैदान मे चल रही रामलीला के छठवें दिन गुरु विश्वामित्र संग राम-लक्ष्मण जनकपुर पहुंचना, पुष्प वाटिका मे प्रभु राम की ओर माता सीता का आकर्षण, श्रीराम के द्बारा धनुष तोडना, भगवान परशुराम और लक्ष्मण संवाद आदि लीलाओं का मंचन किया गया। धनुष टूटते ही प्रजा राम की जैजैकार करने लगी। माँ सीता ने भरे स्वयंवर मे राम को जयमाल पहना कर विवाह की स्वीकृति प्रदान की इसी उपलक्ष्य मे कल श्रीराम बारात शोभायात्रा बडी धूमधाम से निकाली जाएगी जो नगर के विभिन्न मार्गों से होती हुई रामलीला मैदान मे विसर्जित होगी।
रामलीला मंचन मंे धनुष यज्ञोत्सव मे ब्रह्मार्षि विश्वामित्र संग राम-लक्ष्मण जनकपुर पहुंचे जहां शेषावतार लक्ष्मण की इच्छा से गुरुवर की आज्ञा पाकर राम-लक्ष्मण जनकपुर भ्रमण मे प्रजा को मोहित करना, पुष्प वाटिका मे सीता की झलक दिखाई देना आदि लीला का कलाकारों ने बखूबी निर्वहन किया। धनुष यज्ञोत्सव मे दूर-दूर से आये बाहुबली राजा-महाराजाओं ने धनुष उठाने की बात तो दूर उसे हिला तक नहीं पाये तब महाराज जनक द्बारा ष्पृथ्वी वीरों से खाली हैष् वाले उल्हाना पर गुरु विश्वामित्र की आज्ञा से राम ने धनुष उठा लिया और जैसे ही उसकी प्रत्यंचा चढा एक तेज ध्वनि के साथ धनुष टूट गया। धनुष टूटते ही प्रजा राम की जै जै-कार करने लगी तभी सीता जी सखियों संग जयमाल लेकर भरे दरबार में पहुंची जहां उन्होंनें श्रीराम को वरमाला पहना कर उन्हें पति रुप मे स्वीकार किया।
धनुष टूटने की आवाज सुनकर स्वंयवर मे पहुंचे भगवान परशुराम और लक्ष्मण संवाद से वीररस की बेहतरीन प्रस्तुति कलाकारों ने दी। इसी उपलक्ष्य मे नगर मे कल 28 सितम्बर को श्रीराम बारात की शोभायात्रा बडे ही धूमधाम से निकाली जाएगी जो नगर के विभिन्न मार्गों से होती हुई रामलीला मैदान मे जाकर विसर्जित होगी। जिसकी तैयारी रामलीला कमेटी की ओर से कर ली गई है।