बदायूं। जिले के थाना बिनाबर क्षेत्र के गांव सेमरमई में सोमवार की तड़के तीन बजे पुलिस की दबिश के दौरान एक ग्रामीण की संदिग्धावस्था में मौत हो गई। ग्रामीण की मौत की सूचना परिजनों को मिली तो वह मौके पर पहुंच गए और पुलिस पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि पुलिस की प्रताड़ना से उसकी मौत हो गई है। जबकि पुलिस अधिकारी इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कह रहे हैं कि ग्रामीण हार्ट पेशेंट था जिसकी वजह से उसकी मौत हुई है। पुलिस ने शव का पीएम कराने के बाद परिजनों को सौंप दिया है। एसएसपी पूरे मामले की जांच की बात कह रहे हैं।
सोमवार की तड़के लगभग तीन बजे बिनाबर थाना पुलिस ने गांव सेमरमई में एक गौकस के खिलाफ दबिश दी। इस दौरान पुलिस ने अपने खेत पर सोया ग्रामीण शाकिर को बेवजह परेशान किया जिससे उनकी मौत हो गई। बताते हैं कि पुलिस की दबिश और शोर शाराबा पर शाकिर के परिजनों के साथ अन्य ग्रामीण भी जाग गए और घरों से बाहर आ गए। बताते हैं कि शाकिर के परिजनों ने जब उसके शव को पड़ा देखा तब उनका गुस्सा फूट पड़ा। मृतक के परिजनों का आरोप है कि पुलिस दबिश कही और देने आई लेकिन उसने शाकिर को डराया धमकाया और रौंदा जिससे उसकी मौत हो गई। गांव के एक अन्य युवक ने भी पुलिस पर आरोप लगाते हुए कहा है कि रात में वह अपने घर के बाहर सोया हुआ था इसी दौरान पुलिस ने सोते समय उसकी पिटाई कर दी और उसके घर में भी घुस गई।
ग्रामीणों के आरोपों का पुलिस पर कोई असर नही दिखा। पुलिस के अधिकारी परिजनों के आरोपों को सिरे से नकार रहे है। सीओ सिटी रजनीश उपाध्याय का कहना है कि बिनाबर पुलिस गौकसों की तलाशी अभियान के तहत गांव में पहुंची थी। पुलिस का मृतक से कोई लेना देना नही है। सीओ सिटी ने बताया कि मृतक हार्ट पेशेंट है जिससे उसकी मौत हार्ट अटैक से हो सकती है। फिलहाल पुलिस ने शव का पीएम कराने के बाद उसे परिजनों के हवाले कर दिया है। पुलिस के कारण मौत का शिकार बने शाकिर के परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल हो गया है।