उझानी

आखिर कब तक गंगा में डूब कर काल का ग्रास बनते रहेंगे श्रद्धालु

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उझानी(बदायूं)। खनन माफियाओं ने कछला स्थित मां गंगा की कोख से अंधाधुंध रेत निकाल कर जगह-जगह गहरें गड्ढों के रूप में जख्म देकर छोड़ दिया है जिसके परिणाम स्वरूप नदी के पानी में बने गहरे गड्ढें स्नानार्थी भक्तों के लिए काल बन कर निगल रहे हैं। गंगा घाट पर जिला और नगर पंचायत प्रशासन की बद इंतजामी के चलते आखिर कब तक श्रद्धालु गंगा में डूब कर अपनी जान देते रहेंगे। प्रशासनिक स्तर पर गंगा नदी में गहरे पानी से पूर्व ऐसा कोई निशान नही लगाया गया है जिससे श्रद्धालु गहरे पानी तक न पहुंच सके। प्रशासनिक लाहपरवाही के कारण ही श्रद्धालु अकाल मौत का शिकार बन रहे हैं।

उझानी क्षेत्र के कस्बा कछला स्थित गंगा तट पर प्रति दिन आस्था के साथ बरेली और आगरा मंडल के कस्बों तथा दूर दराज राज्यों से श्रद्धालु गंगा स्नान करने पहुंचते हैं। गंगा स्नान करते वक्त श्रद्धालुओं को गंगा के अंदर बने गड्ढों की जानकारी नही होती है और वह स्नान करते वक्त जैसे ही जल में आगे बढ़ते हैं वैेसे ही वह गड्ढों के पानी में समा जाते हैं। बताते है कि परिजन और घाट पर मौजूद श्रद्धालु चीखते चिल्लातें रहते हैं मगर उस वक्त कोई मौके पर नही आता है। घाट पर मौजूद गोताखोर नाविक भी डूबने वाले श्रद्धालु के परिजनों से आर्थिक सौदेबाजी में लगे रहते है तब तक काफी देर हो जाती है और फिर डूबे श्रद्धालु की लाश ही गंगा से निकलती है। पिछले कुछ सालों से कछला स्थित पवित्र गंगा नदी में श्रद्धालुओं के डूबने की वारदातों में अप्रत्याशित तेजी आई है। गंगा में स्नान की अभिलाषा लिए पहुंचने वाले श्रद्धालुओं में आए दिन कोई न कोई श्रद्धालु विशेषकर युवक गंगा में डूब कर अकाल मौत का शिकार बन रहा है। ऐसा नही है कि गंगा में डूब कर हो रही मौतों से जिला प्रशासन के साथ नगर पंचायत प्रशासन अंजान हैे मगर आज तक गंगा नदी में खतरें का निशान नही लगाया गया है जिससे गंगा स्नान का आने वाले श्रद्धालु खतरे के निशान से पीछे रह कर स्नान कर सकेे। बताते है कि गंगा स्नान का आने वाले श्रद्धालु बाहरी होते है उन्हें गंगा की गहराई और गंगा के पानी के अंदर गड्ढों की जानकारी नही होती है जिससे वह हादसे दर हादसे का शिकार बन रहे हैं। गंगा नदी मंे लगातार हो रहे हादसों से नगर पंचायत प्रशासन ने कोई सबक नही लिया है और न ही हादसे रोकने के लिए कोई प्रयास किया है जिससे गंगा तट पर आने वाले श्रद्धालुओं में भारी रोेष व्याप्त है। गंगा तट के आसपास रहने वालेे जानकारों का कहना है कि पिछली सरकारो के समय में गंगा मइया की कोख से अंधाधुंध रेत निकाल कर गंगा नदी को गड्ढें रूपी जख्म दे दिए गए थे जो अब पानी से भर चुके हैं और श्रद्धालुओं को मौत का शिकार बना रहे हैं। श्रद्धालुओं का कहना है कि अब भी जिला एवं नगर पंचायत प्रशासन न चेता तो कोई बड़ा हादसा सामने आ सकता है।

राजस्थानी श्रद्धालु की सबसे अधिक गई हैं जानें
उझानी। गंगा में सबसे अधिक आस्था रखने वाले राजस्थान प्रदेश के श्रद्धालु गंगा तट पर इसलिए पहुंचते हैं कि उनका तीर्थ पूरा हो जाएगा लेकिन पिछले कुछ समय से देेखा गया है कि गंगा में डूब कर मरने वालो में राजस्थानी श्रद्धालुओं की संख्या सबसे अधिक रही है। गंगा में लगातार हो रहे हादसों के बाद भी कछला स्थित गंगा तट पर न तो कोई घाट बनाया गया है और न ही कोई ऐसा निशान बनाया गया है ताकि श्रद्धालु सुरक्षित गंगा स्नान कर सकेे।

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