बदायूं। डीएम दीपारंजन ने कहा है कि लोगों को पुस्तकालयों में किताबें दान करने के लिए प्रेरित करें, जिससे अन्य लोग भी उनके द्वारा दी गई किताबों को पढ़ कर अपना भविष्य संवार सकें। पुस्तकालय में रखी किताबों से गांव के बच्चे अच्छे से पढ़ सकेंगे, अपनी नौकरी के लिए अच्छी तैयारी कर सकेंगे। बच्चों में शिक्षा के प्रति शांति लाने और बेरोजगारी को दूर करने के लिए यह पुस्तकालय मील का पत्थर साबित होंगे।
मंगलवार को जिलाधिकारी दीपा रंजन ने मुख्य विकास अधिकारी ऋषिराज एवं डीसी मनरेगा रामसागर यादव के साथ विकासखण्ड सहसवान अन्तर्गत ग्राम कौल्हार एवं डकारा पुख्ता में पंचायत भवनों में बने पुस्तकालयों का निरीक्षण किया। पुस्तकालयों में रखी पुस्तकों का लाभ वे सभी विद्यार्थी उठा पाएंगे, जिनकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं और इस कारण बाजार से पुस्तक नहीं खरीद सकते हैं। पुस्तकदान कर सभी लोग राष्ट्र को विकसित होने में मदद कर सकते हैं। भारत एक समृद्ध युवा देश है, जहां अधिकतर नौजवान छात्र है, जिनमें से बहुत से छात्र अर्थिक तंगी के कारण पुस्तकों को खरीद नहीं पाते, यह समय ऐसे छात्रों की मदद करने का है, जिससे उन्हें किताबें उपलब्ध हो सकें। ऐसे छात्रों की मदद करने के लिए पुस्तकों का दान कीजिये। किताबों को दान कर जरुरतमंद छात्रों की मदद कर सकते हैं। पुस्तक दान करने से ऐसे छात्रों के चेहरे पर मुस्कुराहट आ सकती है, जो छात्र गरीब है, धन के अभाव के कारण वह किताबों को नहीं खरीद सकते है उनके लिए किताब वरदान है, जिससे उनकी गरीबी मिट सकती है। गरीब छात्रों के लिए सबसे अच्छा उपहार किताब ही है। गांव के दो-चार बच्चे भी कहीं अच्छे पदों पर पहुंच गए तो गांव की तस्वीर ही बदल जाएगी। इस लिए बच्चों के भविष्य को अवश्य संवारें। तत्पश्चात उन्होंने गांव की स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं एवं बीसी सखियों के साथ पंचायत भवन में बैठक की। बैठक में डीएम ने कहा कि अपना लेन-देन अच्छा रखें, समस्त प्रकार की देनदारी समय से करें, जिससे सिविल स्कोर बेहतर बनें। खाते की लेन देन के लिए बीसी सखी से भी सम्पर्क करें। पशुपालन एवं मत्स्य पालन आदि कर स्वरोजगार अपनाएं, जिससे अतिरिक्त लाभ हो सके।