बिल्सी,(बदायूं)। नगर के मोहल्ला संख्या पांच स्थित पीपल वाले बाबा के मंदिर पर आज यहां एक दिवसीय प्रवचन एवं संकीर्तन का आयोजन किया गया। जिसमें मेरठ से पधारी कथावाचक सतगुरु सदानंद श्रद्धानंद संत श्री बाई जी ने प्रवचन देते हुए कहा कि मनुष्य को सुधारने के लिए सत्संग के सिवा कोई दूसरा उपाय नहीं है। बिना सत्संग के व्यक्ति को विवेक की प्राप्ति नहीं होती। सत्संग प्रभु की कृपा के बिना नहीं मिलता।
उन्होंने कहा कि सत्संग से मूर्ख व्यक्ति भी सुधर जाता है जैसे पारस मणि को छूकर लोहा सोना बन जाता है। दुर्गणी व्यक्ति को सज्जन पुरुषों का साथ मिल जाए तो उसके जीवन में भी परिवर्तन आना शुरू हो जाता है। उन्होंने कहा कि यह सत्संग का ही प्रभाव है कि सज्जन व्यक्ति दुर्जनों के बीच में रहेगा तो भी अपने सद्गुणों को नहीं छोड़ेगा। उदाहरण के तौर पर विभीषण महाराज लंका में दुर्गणियों के बीच में रहते हुए भी सज्जनता का स्वभाव नहीं छोड़ा। उन्होने कहा कि जीवन में किसी भी विकट परिस्थिति में सत्संग का प्रभाव उसे गिरने नहीं देता है। सत्संग करने वाला व्यक्ति अपने आप को सत्संग के प्रभाव से खुद को संभाल लेता है। सत्संग की महिमा का कोई गुणगान नहीं कर सकता है। संत महात्माओं का सत्संग के कारण ही सम्मान चित होता है। सत्संगी तो अहित करने वाले का भी कल्याण ही सोचते हैं। दुष्ट व्यक्ति कितने भी कटु वाक्य बोल दे संत फिर भी सत्संग के प्रभाव से उस व्यक्ति को सुधारते हैं। बाद में यहां आरती के पश्चात प्रसाद का वितरण किया गया। इसको सफल बनाने में नितिन वार्ष्णेय, मनोज वर्मा, जितेंद्र वार्ष्णेय, अंशुल, चिराग, लकी, सनी, नरेंद्र कुमार, प्रमोद गांधी, जतिन कुमार, गौरव, पलक, अनीता, रुचि, संतोष, अभिनेश आदि का विशेष सहयोग रहा।