उझानी(बदायूं)। ब्लाक क्षेत्र के गांव गिरधरपुर में गर्भवती महिलाओं में बंटने आया पोषाहार 6 महीने से स्कूल में पड़ा सड़ गया। सड़े अनाज को आंगनबाड़ी दफना रही थी ग्रामीण पहुंच गये और हंगामा कर दिया। ग्रामीणों की सूचना पर पहुंची पुलिस ने दोनों पक्षों की बात सुनी और तहरीर लेकर लौट गई। ग्रामीणो ने जिला प्रशासन से जांच और कार्रवाई की मांग की है।
मंगलवार को गांव गिरधरपुर के प्राथमिक विद्यालय परिसर में गांव की आंगनबाड़ी पूनम सागर स्कूली बच्चों की मदद से खराब हो चुके पोषाहार अनाज को जमीन में दफन कर रही थी इसी दौरान ग्रामीण पहुंच गये और उन्होंने आंगनबड़ी पूनम से जानकारी ली तब वह तपाक से बोली खराब अनाज को घर में रखूंगी।
बताते है कि ग्रामीणों ने इस पर हंगामा काट दिया और आंगनबाड़ी पूनम के खिलाफ कार्रवाई को लेकर पुलिस को बुला लिया। ग्रामीणों ने पुलिस के सामने आंगनबाड़ी कार्यकत्री पूनम से पूछा तब वह बोली कि उसके लाभार्थी बाहर चले गये है। पूनम के इस कथन पर ग्रामीणों ने बताया कि सच्चाई यह है कि पूनम ने अप्रैल माह से पोषाहर बांटा ही नही है।
बताते है कि ग्रामीणों ने पुलिस से आंगनबाड़ी के खिलाफ कार्यवाही की मांग की मगर पुलिस ने ढुलमुल नीति अपनाते हुए ग्रामीणों से तहरीर ले ली और वापस लौट गई।
क्या पोषाहार पात्रों में बंटने के बजाय काला बाजारी मे तो नही बिकता है?
गिरधरपुर में पोषाहार के अनाज का हाल देख कर चर्चा होने लगी कि पोषाहार का बंदरबांट न होने के कारण ही अनाज खराब हुआ है।
अधिकारी रुपया लेते है मगर नाम नही बताया
ग्रामीणों की सूचना पर पहुंचे मिडिया कर्मियो ने आंगनबाड़ी कार्यकत्री पूनम सागर से पूछा जब पोषाहार बच गया तो उसे विभाग को वापस क्यों नही किया। इस पर वह बोली अधिकारी रुपया लेते है जब नाम पूछा तो बताया नही। इधर इस प्रकरण की सूचना पर पहुंची ब्लाक सुपरवाइजर ने जानकारी होने से मना कर दिया।