उत्तर प्रदेशजनपद बदायूं

पीएम आवास में रिश्वत की शिकायत पर शासन ने परियोजना अधिकारी को मूल विभाग में वापस भेजा

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बदायूं। बदायूं में एक समारोह के दौरान आंवला सांसद धर्मेन्द्र कश्यप से पीएम आवास पाने वाली एक लाभार्थी ने तीस हजार रुपया रिश्वत के बाद आवास का लाभ मिलने की बात कही। लाभार्थी की इस शिकायत को शासन ने गंभीरता से लिया और डूडा के परियोजना अधिकारी देवेश कुमार सिंह को तत्काल प्रभाव से परियोजना अधिकारी के पद से हटा कर उनके मूल विभाग उप्र सहकारी ग्राम विकास बैक लिमिटेड में वापस भेज दिया है। शासन के इस कदम से डूडा में हड़कम्प मच गया है।

प्रदेश शासन ने उप्र सहकारी ग्राम विकास बैंक लि. के कर्मी देवेश कुमार सिंह को प्रतिनियुक्ति का लाभ देकर बदायूं में जिला नगरीय विकास अभिकरण में परियोजना अधिकारी के पद पर तैनात किया था। परियोजना अधिकारी अपने कर्तव्यों के प्रति कितने सजग थे इसका शुक्रवार को उस वक्त खुलासा हुआ जब आंवला सांसद धर्मेन्द्र कश्यप एक समारोह के माध्यम से पीएम आवास योजना के लाभार्थियों में चाबियां बांट रहे थे। इसी दौरान एक महिला से सांसद कश्यप ने पूछा कि अब वह खुश है इस पर तपाक से महिला बोली- खुशी किस बात की उसने तीस हजार रुपया की रिश्वत के बदले में आवास के लिए धनराशि प्राप्त की थी। महिला के इस कथन के बाद से प्रशासन से लेकर शासन तक हड़कम्प मच गया और महिला की शिकायत का गंभीरता से संज्ञान लिया।

लाभार्थी महिला की शिकायत पर शासन के राज्य नगरीय अभिकरण के अपर निदेशक आनन्द कुमार शुक्ला ने तत्काल प्रभाव से परियोजना अधिकारी देवेश कुमार की प्रतिनियुक्ति रद्द कर दी और जारी आदेश में कहा कि उन्हें पुनः उनके मूल विभाग उप्र सहकारी ग्राम बैंक लि. में वापस भेजा जाता है। पत्र में जिलाधिकारी को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि वह तत्काल प्रभाव से देवेश को कार्य मुक्त कर दें। शासन ने उन्हें हटाने के पीछे पीएम आवास में रिश्वतखोरी से शासन और विभाग की क्षति बताया है। अपर निदेशक शुक्ला ने जिलाधिकारी को इस पद पर अन्य अधिकारी की नियुक्ति का अधिकार प्रदान किया है।

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