उझानीजनपद बदायूं

प्रशासनिक लाहपरवाहीः आधार का टोकन पाने के लिए सौकड़ों ग्रामीणों ने जोखिम में डाली जान, कई की बिगड़ी हालत

उझानी(बदायूं)। सरकार और प्रशासन ने सरकारी योजनाओं समेत अन्य कार्यो में उपयोग करने के लिए आधार की केवाईसी को अनिवार्य तो कर दिया मगर व्यवस्थाओं का इंतजाम नही किया जिससे आधार की केवाईसी कराने तथा नया बनवाने के लिए नागरिकों विशेषकर ग्रामीणों में आपाधापी मची हुई है। ऐसा ही एक नजारा सोमवार को उझानी के डाकघर में देखने को मिला जहां डाक कर्मियों द्वारा दिए जाने वाले टोकन को पाने के लिए सैकड़ों नर-नारी और बच्चें अपनी जान जोखिम में डाल डाकघर के जीने में ठसाठस भरें नजर आ रहे थे। इस दौरान सांस लेने तक की जगह न होने के कारण कई महिलाओं और बच्चों की हालत बिगड़ गई जिन्हें भीड़ से बामुश्किल निकाला गया।

डाक कर्मियों की टोकन सिस्टम की मनमानी के चलते कभी भी बड़ा हादसा होने की संभावना से इंकार नही किया जा सकता है और प्रशासन हैं कि इस गंभीर मुद्दे पर व्यवस्थाओं को दुरूस्त कराने के बजाय मूक दर्शक बना मानो हादसे का इंतजार कर रहा है। आधार कार्ड की केवाइसी कराने और नया बनबाने के लिए डाकघर के टोकन हेतु सोमवार को तड़के चार बजे से उझानी-कादरचौक और बिल्सी क्षेत्र के कई ग्रामों के ग्रामीण उझानी के डाकघर पर पहुंच गए। बताते हैं कि जैसे ही दिन का उजाला हुआ वैसे ही ग्रामीणों की भारी भीड़ डाकघर के जीने पर ठसाठस तरीके से भर गई और लोग आगे बढ़ने के लिए धक्कामुक्की तक कर रहे थे ताकि टोकन प्राप्त कर आधार को अपडेट करा सके। बताते हैं कि सुबह जैसे ही धूप निकली उससे गर्मी का असर बढ़ा जिससे जीने में सांस लेने तक की जगह न होने के कारण कई महिलाओं और बच्चों की हालत बिगड़ गई। बताते हैं कि लगभग बेहोशी जैसी हालत में इन महिलाओं और बच्चों को जैसे-तैसे डाकघर की ऊपरी मंजिल के परिसर तक पहुंचाया गया तब कही जाकर राहत मिल सकी।

आधार कार्ड की केवाइसी और अपडेट कराने की जद्दोजहद कर रहे नर-नारी और बच्चों की भीड़ में शामिल लोगों ने बताया कि डाकघर के कर्मी सप्ताह में केवल एक बार सोमवार को टोकन बांटते है और पूरा सप्ताह टोकन प्राप्त लोगों को बुला कर उनके आधार कार्डो की केवाइसी तथा अपडेट और नया बनाते रहते हैं। भीड़ में शामिल लोगों से पूछा गया कि तुम्हारे क्षेत्र में भी आधार कार्ड केन्द्र होंगे इस पर सभी ने मना कर दिया। आधार कार्ड हेतु टोकन पाने के लिए भीड़ छटने का इंतजार कर ही महिलाओं ने कहा कि सरकार और प्रशासन प्रत्येक गांव के पंचायतघरों में आधार केन्द्र खोल दे तब इस तरह जान जोखिम में डालने वालों की भीड़ नही लगेगी। भीड़ में शामिल कई लोगों नाम न बताने की शर्त पर बताया कि कुछ प्राइवेट जनसेवा केन्द्रों पर तीन से छह सौ रुपया तक लेकर आधार कार्डो की केवाइसी और अपडेट तथा नए बनाएं जा रहे है जबकि आधार कार्डो को बनाने या केवाईसी की अनुमति जनसेवा केन्द्रों को नही है।

सोमवार को डाकघर पर जान जोखिम में डालने वाली भीड़ का नजारा देख पोस्टमास्टर अश्विनी माहेश्वरी से पूछा गया कि टोकन सिस्टम को किसके आदेश पर लागू किया गया है। पहले तो वह कुछ नही बोले फिर कहा कि आधार कार्ड का केन्द्र केवल उझानी डाकघर है जिससे भीड़ लग जाती है। उन्होंने बताया कि आज सुबह से ही भीड़ थी। उन्होंने बताया कि ज्यादा भीड़ होने पर उसे नियंत्रित करने के लिए वह पुलिस का सहयोग ले लेते हैं। पोस्टमास्टर ने बताया कि पहले बैंकों में भी आधार कार्ड केन्द्र थे लेकिन सभी बंद हो गए जिससे डाकघर पर भीड़़ लगना लाजमी है। सूत्र बताते हैं कि आधार कार्ड को लेकर पूरे जिले में आपाधापी मची है इसके बाद भी जिला प्रशासन नागरिकों के इस गंभीर मुद्दे के प्रति गंभीर नही है।

जर्जर हालत में हैं डाकघर का भवन
उझानी का डाकघर ऊपरी मंजिल पर संचालित होता है। डाकघर का भवन काफी पुराना होने के कारण जर्जर अवस्था में पहुंच चुका है। डाकघर के भवन से अक्सर सीमेंट आदि टूट कर गिरता रहता है ऐसी स्थिति में डाकघर के भवन और जीने में भीड़ का दबाब बढ़ता है तो हादसे की संभावना भी बलबती हो जाती है।

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