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बदायूं लोस सीटः चुनावी राजनीति पर ठंड का असर, भाजपा सपा जैसे दल कर रहे हैं चुनाव घोषणा का इंतजार

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बदायूं। लोकसभा चुनाव की घोषणा न होने से बदायूं लोकसभा सीट पर चुनावी राजनीति पर ठंड का असर नजर आ रहा है। सपा ने अपना प्रत्याशी घोषित कर उसे बदल भी दिया फिर भी सपा का प्रत्याशी जनता के बीच नजर नही आ रहा है। दूसरी ओर भाजपा जैसे प्रमुख दल ने अभी तक बदायूं लोकसभा सीट पर अपने पत्तें नही खोले हैं जिससे लोकसभा चुनाव लड़ने की तमन्ना रखने वाले तमाम भाजपा नेता ऊहापोह में है कि वह जनता के बीच जाए या न जाए। भाजपा और सपा जैसे प्रमुख दल के नेता अभी चुनावी राजनीति से दूरी बनाएं हुए है जिससे प्रतीत होता है कि बदायूं जनपद में चुनावी राजनीति पर ठंड का तेज असर व्याप्त है।

लोकसभा चुनावों की घोषणा होने में अभी कुछ दिन लग सकते हैं लेकिन बदायूं लोकसभा सीट पर राजनैतिक गर्महाट नजर नही आ रही है। संभावना व्यक्त की जा रही है कि अभी भाजपा और सपा जैसे दल चुनाव घोषित होने का इंतजार कर रहे है और जैसे ही चुनाव घोषित होगा वह ठंडी पड़ी चुनावी राजनीति में एकदम से गर्म हवा भर देंगे। वर्ष 2024 के चुनाव में सपा भाजपा से सीट छीनने का प्रयास करने में लगी हुई है। सपा ने पहले पूर्व सांसद धर्मेन्द्र यादव को बदायूं सीट से अपना प्रत्याशी घोषित किया था लेकिन न जाने किस कारण से एकाएक धर्मेन्द्र यादव का टिकिट काट कर उनके स्थान पर सपा के दिग्गज नेता शिवपाल सिंह यादव को बदायूं सीट से पहली बार उतारा है। बदायूं लोकसभा सीट सबसे ज्यादा सपा के पास ही रही है जिसके चलते बदायूं लोस सीट सपा की परम्परागत सीट मानी जाती है। वर्ष 2019 में भाजपा प्रत्याशी संघमित्रा मौर्य ने तत्कालीन सांसद धर्मेन्द्र यादव को हरा कर सपा में सनसनी फैला दी थी तभी से सपा बदायूं की सीट पुनः हासिल करने को कवायद में जुटी हुई है।

सपा ने दिग्गज नेता शिवपाल सिंह यादव को चुनावी मैदान में बदायूं से उतार तो दिया है मगर अभी तक सपा प्रत्याशी बदायूं की जनता के बीच में नजर नही आ रहे हैं। पिछले दिनों पार्टी प्रत्याशी के बीमार होने की चर्चा आम हुई थी तब कहा गया कि चुनाव प्रचार की कमान उनके पुत्र आदित्य यादव संभालेंगे लेकिन अभी तक वह भी बदायूं की जनता के बीच में नजर नही आए हैं। माना जा रहा है कि सपा अभी लोकसभा चुनावों की घोषणा का इंतजार कर रही है। दूसरी ओर बदायूं लोकसभा सीट पर चुनाव लड़ कर संसद में पहुंचने के लिए कई नेता टिकिट पाने की मशक्कत करने में लगे हुए है। बड़ी तादात में भाजपा नेता बदायूं लोकसभा क्षेत्र में फैलेक्स और दीवारों पर मोदी की गारंटी पुतवा कर अपनी दावेदारी में दम भर रहे है।

भाजपा ने प्रदेश में फिलहाल 51 सीटों पर अपने प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं लेकिन अभी भी बदायूं समेत 29 सीटों पर प्रत्याशी घोषित करना बाकी है। बदायूं लोस सीट पर भाजपा के तमाम नेता अपनी दावेदारी ठोक रहे हैं लेकिन पार्टी हाईकमान से अभी स्थिति साफ न होने से भाजपा नेता क्षेत्र में भाजपा के पार्टी निर्देश वाले कार्यक्रमों के अलावा जनता के बीच में जाने से कतरा रहे हैं। पार्टी से टिकिट मांगने वाले सभी दावेदारों को खुद पर भी विश्वास नही हैं कि उन्हें पार्टी टिकिट देंगी भी या नही। भाजपा में स्थानीय प्रत्याशी की जीत आज तक न हो सकी है जिससे चर्चा हैं कि भाजपा अभी ऐसे प्रत्याशी की तलाश में हैं जो वर्ष 2019 में जीती गई सीट को बरकरार रख सके। यही कारण है कि भाजपा के दावेदार भी जनता के बीच जाने से लगातार बच रहे हैं। भाजपा के अलावा अकेले लोस चुनाव लडने का दम भरने वाली बसपा ने भी अभी अपना प्रत्याशी घोषित नही किया है जिससे बदायूं सीट पर चुनावी राजनीति पर ठंड का असर नजर आने लगा है जो चुनाव की घोषणा के बाद भी गर्महाट में बदल सकता है।

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