उझानी

सड़क हादसे में मौत का शिकार बने बीएसएफ के जवान का सैनिक सम्मान के साथ गांव में हुआ अंतिम संस्कार

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उझानी,(बदायूं)। लगभग एक हप्ता पूर्व घने कोहरे के कारण सड़क हादसे का शिकार बने बीएसएस के जवान की गजियाबाद में इलाज के दौरान मौत हो गई। सेना के जवान की मौत की सूचना पर परिवार समेत पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ गई। देर रात फौजी का शव गांव पहुंचा तो पूरा गांव श्रद्धांजलि देने के लिए उमड़ पड़ा। आज सुबह सेना के जवान का सैनिक सम्मान के साथ गांव में ही अंतिम संस्कार कर दिया गया।

बिल्सी थाना क्षेत्र के गांव भिलौलिया का मूल निवासी 45 वर्षीय मुनेन्द्र पाल सिंह यादव अपनी पत्नी और बच्चों के साथ नगर के मौहल्ला अहिरटोला में निवास करते थे और वह बीएसएफ के जवान थे। मुनेन्द्र पाल सिंह की तैनाती बीएसएफ की 24 वीं वाहिनी के मुुख्यालय आरके पुरम दिल्ली में तैनाती थी। बताते है कि मनेन्द्र पाल सिंह गत चार फरवरी को अपने किसी परिचित की शादी में शामिल होने के लिए छुट्टी पर आया था और शादी में शामिल होने के बाद वह छह फरवरी को अपने घर उझानी कार से आ रहे थे। बताते है कि उझानी के समीप पहुंचने पर गांव हजरतगंज के पास घने कोहरे के चलते कार से आगे चल रहे ट्रक के चालक द्वारा अचानक ब्रेक लगाए जाने पर मुनेन्द्र की कार ट्रक के पीछे घुस गई जिसमें मुनेन्द्र गंभीर रूप से घायल हो गए।
हादसे पर पहुंची पुलिस ने घायल सेना के जवान को उपचार के जिला अस्पताल भेजा जहां से गंभीर हालत को देखते हुए डाक्टरों ने हायर सेंटर बरेली रैफर कर दिया। बताते है कि बरेली अस्पताल में सेना के जवान की हालत में सुधार होते न देख परिजन उसे गजियाबाद के मैक्स अस्पताल ले गए जहां सोमवार को मुनेन्द्र ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। आज सुबह मुनेन्द्र का शव जैसे ही गांव भिलौलिया पहुंचा तो जवान की मां समेत परिजन बिलख उठे वही पूरा गांव गमगीन हो गया। मुनेन्द्र के शव का आज सैनिक सम्मान के साथ अंतिम संस्कार गांव में ही किया गया। इससे पूर्व जवान की अंतिम यात्रा निकाली गई जिसमें पूरा गांव शामिल हुआ। दिवंगत जवान को अंतिम सलामी देने के लिए गाजियाबाद बीएसएफ से एसआई विक्रम नियोग, हवलदार लोकेन्द्र सिंह फौजदार, कांस्टेबिल शिवनन्दन, अजीत कुमार, मनीकडन, सचिन कुमार, रवि कुमार, राजीव माडक, आश्विन टोपे, कालू कुमार, प्रवीन कुमार सोमवार रात ही पहुँच गए थे। मंगलवार सुबह रिसौली चौकी इंचार्ज इंद्रदेव सिंह, हेड कांस्टेबल रोहिताश सिंह भी गांव पहुंचे। गांव के बाहर ही खेत में मुनेन्द्र पाल सिंह का सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार कर किया गया। जवान को बेटे सुधीर ने मुखाग्नि दी। बीएसएफ के जवानों ने हथियार उल्टे कर मातमी धुन बजाते हुए हवा में गोलियां दागकर जवान को सलामी दी। इससे पहले ग्रामीणों व सेना के जवानों ने पुष्प चक्र अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। 24 वाहिनी बीएसएफ जवान 45 वर्षीय मुनेन्द्र पाल सिंह दो भाइयों में सबसे बड़े थे उनकी पिता अजयपाल सिंह पुलिस में होमगार्ड थे करीबन 5 साल पहले उनकी मौत हो चुकी है। वहीं छोटे भाई करवेंद्र यादव गाँव में ही खेती करते हैं। गांव भिलौलिया निवासी धर्मेन्द्र यादव मुनीम, सुनील यादव, सुखपाल, वीपी सिंह, कर्मेन्द्र सिंह, संजीव समेत अनेक ग्रामीणों ने बीएसएफ के जवान दिवंगत मुनेन्द्र पाल सिंह के बारे में बताते हुए कहा कि वह अच्छे इंसान थे। ग्रामीणों का कहना है कि भगवान भी अच्छे इंसानों को अपने पास बुला लेता है। ग्रामीणों ने दिवंगत मुनेन्द्र पाल सिंह को गांव भिलौलिया का रत्न बताया।

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