बदायूं। जिलाधिकारी निधि श्रीवास्तव ने बताया कि जन्म मृत्यु पंजीकरण अधिनियम 1969 की सहपठित उप्र जन्म मृत्यु पंजीकरण नियमावली 2002 एवं सुसंगत शासनादेशों के अनुसार जन्म मुत्यु पंजीकरण हेतु ग्रामीण क्षेत्र में अवधि अनुसार विभिन्न व्यवस्थाएं निर्धारित है। जिसका अनुसरण करते हुए ग्रामीण क्षेत्र में होने वाले जन्म, मृत्यु एवं मृतजन्म हेतु पंजीकरण कराया जा सकता है। उन्होंने बताया कि जन्म व मृत्यु के एक दिन से एक माह तक आवेदन करने के लिए सक्षम अधिकारी ग्राम सचिव, प्रारूप 1 अथवा 2 पूर्ण भरकर, माता व पिता के आधार कार्ड की छाया प्रति व मोबाइल नम्बर, प्रधान या आशा या आँगनबाडी या एएनएम (किसी दो द्वारा प्रमाणित), टीकाकरण कार्ड (जन्म की दशा में), चिकित्सालय प्रमाण पत्र यदि मृत्यु की चिकित्सक द्वारा पुष्टि की गयी है।
उन्होंने बताया कि जन्म व मृत्यु के एक माह से एक वर्ष की अवधि तक आवेदन करने पर सक्षम अधिकारी अपर जिला रजिस्ट्रार (ग्रामीण) (जिला पंचायत राज अधिकारी) के आदेश उपरान्त सचिव, प्रारूप 1 अथवा 2 पूर्ण भरकर, माता व पिता के आधार कार्ड की छाया प्रति व मोबाइल नम्बर, प्रधान या आशा या ऑगनवाडी या एएनएम (किसी दो द्वारा प्रमाणित), माता/पिता/सूचनादाता का फोटोयुक्त शपथ पत्र अपर जिला रजिस्ट्रार जन्म/मृत्यु (डीपीआरआ0) के नाम, दो गवाहो का फोटोयुक्त शपथ पत्र, आधार कार्ड व मोबाइल नम्वर, चिकित्सालय प्रमाण पत्र यदि मृत्यु की चिकित्सक द्वारा पुष्टि की गयी है।