जनपद बदायूं

जिला पंचायत अध्यक्ष और डीएम ने गंगा पूजन के बाद शुुरू कराया ककोड़ा मेला

बदायूं। गंगा तट पर लगने वाले रूहेलखण्ड के मिनी कुम्भ के नाम से प्रसिद्ध मेला ककोड़ा का शुक्रवार को विधिवत् पूजा अर्चना और गंगा पूजन के बाद शुभारम्भ हो गया है। मेले में ककोड़ देवी की झण्डी स्थापना और हवन पूजन के मेला औपचारिक रूप से शुरू हो गया है। 26 नवम्बर तक चलने वाले इस मेले में मुख्य पर्व कार्तिक (पूर्णिमा गंगा स्नान) 19 नवम्बर को होगा। तैयारियों के बीच शुक्रवार को ककोड़ देवी मंदिर से झंडी पहुंची। डीएम ने जिला पंचायत अध्यक्ष वर्षा सिंह व शेखूपुर विधायक धर्मेन्द्र शाक्य, सीडीओ ऋषिराज, एडीएम प्रशासन ऋतु पुनिया, अपर मुख्य अधिकारी सत्यपाल तथा अन्य सम्बंधित अधिकारियों के साथ गंगा पूजन व मेला परिसर में हो रही तैयारियों की समीक्षा की।

जिला पंचायत अध्यक्ष ने निर्देश दिए कि मेले में श्रद्धालुओं को व्यवस्था में किसी भी प्रकार की कमी महसूस नहीं होना चाहिए। समस्त व्यवस्थाएं समय से पूर्ण कर ली जाए। शेखूपुर विधायक ने कहा कि पिछले वर्ष ककोड़ा मेला कोरोना की वजह से नहीं लग पाया था। इस बार बेमौसम तेज बरसात हो जाने से बाढ़ की स्थिति बन गई थी। इसके बावजूद भी बहुत सी समस्याओं से जूझते हुए जनपद में रोहिलखंड के मिनी कुंभ का शुरूआत हो चुकी है। इस मेले के साथ जनपद के साथ.साथ आसपास के जनपदों के श्रद्धालुओं की आस्था जुड़ी हुई है। डीएम ने निर्देश दिए कि मेले की व्यवस्था को लेकर सभी विभाग अपने दायित्वों का निर्वाहन पूरी जिम्मेदारी से करें। किसी भी प्रकार की शिकायत न मिलने पाए। लापरवाही के लिए किसी को भी क्षम्य नहीं किया जाएगा। उन्होंने पीडब्ल्यूडी को निर्देश दिए कि सभी सम्पर्क मार्ग समय से दुरुस्त किए जाएं। जलनिगम विभाग हैण्डपम्प के पानी की गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखें। सीसीटीवी कैमरे, वाॅच टावर, वाहन पार्किंग की व्यवस्था पूर्ण रहे, इसके साथ ही गोताखोर, सफाईकर्मचारी  आईकार्ड के साथ रहेंगे तथा इनके नाम व मोबाइल नम्बर की सूची के होर्डिंग मेले में लगाए जाएं। स्नानघाट पर सुरक्षात्मक व मजबूत बैरिकेटिंग कर झण्डे लगाए जाएं। मच्छरों से बचाव के लिए नियमित फाॅगिंग एवं स्प्रे होता रहे। उन्होंने सीएमओ को निर्देश दिए कि अस्थाई अस्पताल बनाकर चिकित्सक, दवाओं व एम्बुलेंस की व्यवस्था कराना सुनिश्चित करें। बैठक में अस्थाई पशु चिकित्सालय, पेयजल, प्रकाश, यातायात सहित आदि व्यवस्थाएं 15 नवम्बर तक पूर्ण करने के लिए डीएम ने अधिकारियों को निर्देशित किया है। मुख्य स्नान पर्व के लिए स्नान घाट बनाने की तैयारी की जा रही हैं। पतित पावनी मां गंगा तट पर तंबुओं का शहर बसने लगा है। झंडी पूजन के साथ ही मेले की रौनक बढ़ने लगी है। शुक्रवार को ककोड़ देवी मंदिर में झंडी का पूजन हुआ। इसके बाद जिला पंचायत अध्यक्ष व डीएम के अलावा जिला पंचायत सदस्यों व अधिकारियों के अमले के साथ ककोड़ देवी मंदिर से सम्मान के साथ झंडी मेला स्थल पहुंची। मेले में भी झंडी का पूजन के बाद मेले में मुख्य स्थान पर झंडी स्थापित की गई।
झंडी लगने के साथ ही मेले की औपचारिक रूप से शुरूआत हो गई है। जिला पंचायत अध्यक्ष वर्षा सिंह के साथ शेखूपुर विधायक धर्मेन्द्र शाक्य व जिलाधिकारी दीपा रंजन ने मेले में अब तक हुई तैयारियों की समीक्षा की। मेले में राउटियां भी लगनी प्रारम्भ हो गई हैं। आवागमन की व्यवस्था हो जाने से आसपास के लोग यहां आने लगे हैं। मेला प्रवास के लिए भी जगह घेरने की शुरूआत हो गई है। वीआईपी टेंट लगाने की गतिविधियां शुरू हो चुकी हैं। मेला परिसर को रात में जगमग करने के लिए झालरों और बल्ब लगाने के लिए तार खींचे जा रहे और पोल लगाए जा रहे हैं। मुख्य मार्गों पर लाइट फिटिंग की जा रही है। मेला प्रांगण के अधिकांश भाग का समतलीकरण कर दिया गया है। इसके बावजूद भी मेले के ऊंचे नीचे हिस्से को समतल बनाने के लिए मजदूर और जेसीबी ट्रैक्टर ट्रॉली की मदद ली जा रही है। प्रशासन ने मेले की स्वच्छता सफाई के लिए पहले से ही योजना बना ली है। जगह.जगह कूड़ेदान, शौचालयों, मूत्रालयों को बनाया जाएगा। गंगा तट पर श्रद्धालुओं की सुरक्षा को देखते हुए मल्लाहों, गोताखोरों के टेंट लगा दिए गए हैं।
नवाब अबदुल्ला ने कराई थी मेले की शुरूआतः ककोड़ देवी मंदिर का इतिहास कई सौ साल पुराना है। इतिहास में प्रमाण मिलते हैं कि सन 1750 के करीब मेले की शुरूआत नवाब अब्दुल्ला ने कराई थी। सर्प पालने और शिकार खेलने के शौकीन नवाब अब्दुल्ला कुष्ठ रोग से पीड़ित हो गए थे। उन दिनों गंगा ककोड़ देवी मंदिर के निकट से बहती थी। वहीं पर उनकी मुलाकात ध्यान मुनि नाम के एक संत से हुई थी। मुनि के कहने पर नवाब ने गंगा में स्नान कर ककोड़ देवी मंदिर में नियमित दर्शन करना शुरू किया। कुछ ही दिनों में उनका कुष्ठ रोग ठीक हो गया। गंगा और ककोड़ देवी की महिमा से प्रभावित होकर उन्होंने मेला लगवाना शुरू कर दिया। इस मेले में जिले के अलावा बरेली, पीलीभीत, शाहजहांपुर, सम्भल और कासगंज से भी भारी संख्या में लोग आते हैं। मेला कोतवाली बनाने का काम शुरू कर दिया गया है। मेले में चोर.उचक्कों उठाईगीरों पर पुलिस के जवानों की पैनी नजर रहेगी, जिसके लिए वाॅच टावर भी बनाए जा रहे हैं। मेले के मुख्य चैराहों और मुख्य मार्गों पर पुलिस फोर्स तैनात रहेगा। इस बार पुलिस प्रशासन सख्त है। जिला पंचायत अध्यक्ष वर्षा यादव खुद व्यवस्था की निगरानी कर रही हैं। गंगा तट पर मेला लगवाने की तैयारी जोर.शोर पर चल रही है। मुख्य मार्ग तैयार हो चुका है, टेंट लगाने का काम शुरू हो चुका है। अन्य व्यवस्थाएं भी तेजी से पूर्ण की जा रही हैं

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