बिल्सी,(बदायूं)। तहसील क्षेत्र के गांव गुधनी में स्थित आर्य समाज मंदिर पर आज विश्व हिंदी दिवस मनाया गया। यहां आर्य संस्कारशाला के बच्चों को हिन्दी का महत्व समझाते हुए वैदिक विद्वान आचार्य संजीव रूप ने कहा कि हिंदी संस्कृत की बेटी है, हिंदी वह भाषा है जो सही मायने में भाषा है बाकी संसार में जितने भी भाषाएं हैं वह जोड़.तोड़ कर बनाई गई बोलियां है भाषा नहीं है।
उन्होंने कहा कि हिंदी एक मात्र ऐसी भाषा है जो संपूर्ण विश्व को एकता के सूत्र में जोड़ सकती हैं। हिंदी की विशेषता है कि इसमें जितनी मुख से निकलने वाली ध्वनियां है उतने ही स्वर एवं व्यंजन हिंदी भाषा में उपलब्ध हैं। यहां अ से लेकर ऋ तक सभी स्वर तथा क से लेकर ज्ञ तक सभी व्यंजन उपलब्ध है। अन्य भाषाओं में ऐसा नहीं है। हमें अपनी हिंदी भाषा पर गर्व है। यह देव भाषा है। आर्य समाज के मंत्री अगरपाल सिंह कहा कि हिंदी वह भाषा है। जो आसानी से समझी और बोली जा सकती है। हिंदी को जानने वाला आसानी से संस्कृत भी समझ और सीख सकता है। प्रज्ञा आर्य ने कहा कि हिंदी आत्मा की भाषा है। हिंदी फिल्मों ने हिंदी को विश्व व्यापी बनाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इस मौके पर राकेश आर्य, मनोज कुमार, साहब सिंह, सुखवीर सिंह, संतोष कुमारी, तानिया आर्य, मोना आर्य, भावना आर्य आदि मौजूद रहे।