उझानी,(बदायूं)। कहते हैं कि समय बड़ा बलबान होता है और वही होता है जो प्रकृति ने समयानुसार लिख दिया है। यह बात मंगलवार की देर रात दर्दनाक हादसे का शिकार बने कासगंज के तीन युवकों पर सटीक बैठती है। कासगंज के सिढ़पुरा से सहसवान जाने को कार से निकले तीनों युवक सहसवान जाने वाले रास्ते के बजाय उझानी की ओर निकल आए जहां करूआ पुल के समीप मौत उनका इंतजार कर रही थी।
रोते बिलखते परिजनों की माने तो कासगंज जनपद के थाना सिढ़पुरा के गांव हंसपुर निवासी वैष्णो गोपाल पुत्र जयप्रकाश की ससुराल बदायूं के उपनगर सहसवान क्षेत्र में हैं। वैष्णो गोपाल के दोस्त सुमित के परिजनों की माने तो मंगलवार की शाम सात बजे अचानक वैष्णो गोपाल ने अपनी ससुराल जाने का मन बना लिया और फिर उसने सुमित से अपने साथ चलने की जिद की जिस पर पहले सुमित ने मना किया फिर वह भी वैष्णो गोपाल के साथ चलने को राजी हो गया। बताते है कि कार वैष्णो गोपाल की थी मगर चालक नही था इस पर वैष्णो गोपाल सिढ़पुरा पहुुंचा और अपने परिचित चालक गंगा सिंह पुत्र महेन्द्र कश्यप के घर पहुंचा लेकिन घर पर गंगा सिंह नही मिल सका। चूंकि मौत अपना शिकार करने को तय वक्त पर इंतजार कर रही थी जिस पर गंगा सिंह के भाई ने बताया कि गंगा सिंह किसी मढ़ी पर है। परिजनों की बात मान वैष्णो गोपाल मढ़ी पर जा पहुंचा और गंगा सिंह से कार चला कर सहसवान तक चलने को कहा। बताते है कि पहले तो गंगा सिंह ने मना किया मगर वैष्णो गोेपाल के बार-बार कहने पर गंगा सिंह कार लेकर चलने को तैयार हो गया। बताते है कि मंगलवार को खराब मौसम और बूंदाबादी के बीच तीनों कार से रात लगभग आठ बजे सिढ़पुरा से सहसवान के लिए निकल पड़ेे। बताते है कि तीनों को कछला मुजरिया के रास्ते सहसवान जाना था लेकिन तीनों कार लेकर उझानी की ओर निकल आए। बताते है कि मौत का रचा हुए जाल में रात नौ बजे करूआ पुल के समीप अचानक कार की गति और तेज हो गई और चालक गंगा सिंह कार पर नियंत्रण खो बैठा जिसके परिणाम स्वरूप कार सीधे पेड़ से जा टकराई और फिर मौत ने तीनों को अपनी आगोश में ले लिया। इस दर्दनाक हादसे ने तीनों के परिवारों को साल 2021 के अंत में एक ऐसा जख्म दे दिया जो कभी भरने वाला नही है। तीनों नौजवान युवकों की मौत का दर्द परिजनों को हमेशा कहराने को मजबूर करता रहेगा।