बिल्सी

ईष्र्या मानव जीवन को कर देती है तबाह, इससे बचना चाहिएः क्षुल्लिका

बिल्सी,(बदायूं)। कासगंज से पधारी जैन साध्वी क्षुल्लिका रत्न ज्ञानमोती माताजी के मंगल सानिध्य में नगर के श्री चंद्रप्रभु दिगंबर जैन मंदिर में मंगल प्रवचन का आयोजन किया गया। इसके बाद उनकी आहार चर्या संपन्न हुई। क्षुल्लिका रत्न ज्ञानमोती माताजी ने कहा कि आज के युग में स्त्री भव से पार लगने के लिए महिलाओं को अपने अंदर ईर्ष्या का भाव छोड़ना होगा।

उन्होंने कहा कि महिलाओं को चाहिए कि वे सच्ची श्रद्धा एवं लगन से अपने जीवन में समस्त प्राणियों के प्रति समता एवं करुणा का भाव रखें। परोपकार का भाव अपनाए तभी उनको इस महिला प्रयाय से छुटकारा मिल सकता है। उन्होंने कहा कि ईर्ष्या एक ऐसा शब्द है जो मानव के खुद के जीवन को तो तहस.नहस करता है औरों के जीवन में भी खलबली मचाता है। यदि आप किसी को सुख या खुशी नहीं दे सकते तो कम से कम दूसरों के सुख और खुशी देखकर जलिए मत। अक्सर समाज में देखा जाता है कि कोई आगे बढ़ रहा है। किसी की उन्नति हो रही है। नाम हो रहा है किसी का अच्छा हो रहा है तो अधिकांश लोग ऐसे देखने को मिलेंगे जो पहले यह सोचेंगे कि कैसे आगे बढ़ते लोगों की राह का रोड़ा बना जाए, उनको कैसे नीचा दिखाया जाए, कैसे समाज में उनकी मजाक बने और कैसे उनकी खुशियां छीनी जाए। बहुत कम लोग ऐसे होते हैं जो किसी को आगे बढ़ता देख किसी की उन्नति होते देख आनंद का अनुभव करते हैं। इस मौके पर शीला जैन, प्रतिभा जैन, इंदु जैन, ज्योति जैन, नीलम जैन, डॉ आरती जैन, बबीता जैन, मृगांक जैन, दीपक जैन, अनूप जैन, प्रशांत जैन, अभिषेक जैन आदि मौजूद रहे।

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