उझानीजनपद बदायूं

दूसरे दिन 12 किमी दूर गंगा में मिला डूबे किशोर का शव, तीन बहनों का इकलौता भाई था

उझानी (बदायूं)। मंगलवार को कछला स्थित गंगा नदी में स्नान के दौरान डूबे कासगंज के किशोर के शव को पुलिस, पीएसी और एसडीआरएफ की टीम ने कछला से 12 किमी दूर कासगंज सीमा से गंगा से बरामद कर लिया है। किशोर का शव देखते ही परिजनों में कोहराम मच गया। पुलिस ने शव का पीएम कराने के बाद परिजनों के हवाले कर दिया है।

मंगलवार को कासगंज के एक परिवार के लगभग आधा दर्जन बच्चें गंगा में स्नान कर रहे थे इसी दौरान पीयूष नामक 12 वर्षीय किशोर गहरे पानी में पहुंच कर डूब गया। किशोर के डूबने के बाद से गंगा में उसकी तलाश में जुटे गोताखोरों को जब पीयूष न मिला तब पुलिस ने एसडीआरएफ की टीम को बुला लिया और पीयूष की तलाशी अभियान गंगा में शुरू कर दिया। इधर एटा जिले की पीएसी की बटालियन भी कछला पहुंच गई और लापता बच्चें को गंगा में तलाश करने लगी। मंगलवार को रात हो जाने के कारण बच्चें की तलाशी अभियान को रोकना पड़ा।

बताते हैं कि बुधवार की सुबह एसडीआरएफ और पीएसी की टीमों ने दुबारा से गंगा में उतर कर उसकी तलाश शुरू कर दी लेकिन दोपहर तक उसका पता न चल सका। बताते हैं कि दोपहर में एसडीआरएफ ने अपनी तलाश का दायरा बढ़ाया तब उसे सफलता मिल गई। टीम को कछला घाट से 12 किमी दूर कासगंज सीमा के गांव शहबाजपुर के समीप पीयूष का शव मिल गया और वह उसे लेकर कछला गंगा घाट आ गई। बताते हैं कि पहले तो पीयूष के शव को उसकी मां और बहनों ने पहचानने से इंकार कर दिया तब पुलिस से पीड़ित परिवार की तीखी बहस हुई लेकिन बाद में पिता धर्मेन्द्र शर्मा ने पीयूष के गले में पड़ा लाकेट और कपड़ों से उसकी शिनाख्त कर दी। पुलिस ने बच्चें के शव का पीएम कराने के बाद परिजनों को सौंप दिया है।

यहां बताते चले कि कासगंज शहर की गणेश कालोनी निवासी धर्मेन्द्र शर्मा का परिवार गंगा स्नान करने मंगलवार को कछला स्थित मां भागीरथी के तट पर आया था। बताते हैं कि परिवार के आधा दर्जन बच्चें एक साथ गंगा में स्नान कर रहे थे इसी दौरान अचानक आई एक भंवर ने सभी बच्चों को अलग थलग कर दिया और फिर सभी बच्चें डूबने लगे तब परिजनों के शोर शराबे पर गोताखोरों और श्रद्धालुओं ने पांच बच्चों को तो बचा लिया मगर 12 वर्षीय पीयूष गंगा में डूब गया था।

तीन बहनों का इकलौता था भाई, मां-बहनों का रो-रोकर हुआ बुरा हाल
पीयूष का शव जैसे ही गंगा नदी से मिला तो परिवार में कोहराम मच गया। पीयूष तीन बहनों का सबसे प्यारा इकलौता भाई था। पीयूष के शव को देख कर माता-पिता और बहनों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया जिस देख कर मौजूद लोगों की आंखे भी नम हो गई और सभी कह उठे कि भगवान बच्चों पर तो दया किया करें।

Leave a Reply

error: Content is protected !!