बिसौली। हजरत भोले शाह उर्फ मील वाले दादा मियां के 31वें सालाना उर्स का शानदार आगाज मुशायरे के साथ हुआ। देर रात तक चले मुशायरे में दूरदराज से आए नामचीन शायरों ने अपने कलाम सुनाकर पंडाल में मौजूद श्रोताओं को रोमांचित कर दिया।
मुशायरे का आगाज करते हुए नामचीन शायरा खुश्बू रामपुरी ने आज के दौर में संस्कार खोते युवाओं पर करारा प्रहार करते हुए फरमाया-
’मिला है फकत अब तो बूढ़े सरों पर, कहां छोड़ आई जवानी दुपट्टा।’
आरिफ हसनपुरी ने कुछ यूं फरमाया-
’हौंसला है जिसका कायम, उसका बाकी है वजूद। बुजदिली से मुश्किलों का सामना होता नहीं।’
मशकूर नजमी ने फरमाया-
’इश्क हो चाहे आस्मानों तक, हुस्न के सामने तो बोना है।’
फहीम अहमद ने पेश किया-
’मीर साहब हताश बैठे हैं, लफ्ज सारे निराश बैठे हैं।’
तालिब हमीद ने कुछ यूं पेश किया-
’बिछड़ के जीने का रस्ता निकालना है मुझे, तुम्हारी यादों पे तेजाब डालना है मुझे।’
नामचीन शायर आदिल रामपुरी ने फरमाया-
’मेरी तस्वीर को कमरे में सजाने वाले, तुझको बदनाम न कर दें ये जमाने वाले’
कार्यक्रम का संचालन खुश्बू रामपुरी ने किया। इस दौरान चुन्नू सैफी, यासीन बेग, सैयद महसर अली, सैयद जाकिर अली, राशिद अब्बासी, दिलशाद, फारूकी, ताजउद्दीन, आबिद उस्मानी, चांद फारूकी आदि मौजूद रहे।