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खुले बाजार में गेंहू के भाव साढ़े 21 सौ से पार, क्रय केन्द्रों पर पसरा सन्नाटा

Up Namaste

उझानी(बदायूं)। बदायूं जिले में सरकार के गेंहू खरीद योजना पर ग्रहण लगता नजर आने लगा है। गुरूवार से अचानक खुले बाजार में गेंहू की कीमतों में एकाएक तेजी आ गई जिससे मंडी समितियों और खुले बाजार में गेंहू का भाव साढ़े 21 सौ रुपया की कीमत को पार कर गया है। खुले बाजार में गेंहू के दामों में तेजी आने के चलते किसानों ने सरकारी गेंहू खरीद केन्द्रों पर जाने के बजाय आढ़तों के माध्यम से अपना गेंहू बेंचना शुरू कर दिया है जिससे गेंहू खरीद केन्द्रों पर सन्नाटा पसर गया है।

गुरूवार का दिन बदायूं जिले के किसानों को खुशियों की सौगात लेकर आया। आज सुबह से पूरे जिले में गेंहू का दाम साढ़े 21 सौ तक पहुच गया जिससे किसान अपनी गेंहू की फसल का अच्छा दाम मिलते देख आढ़तों पर पहुंचने लगे। इससे पूर्व में भी मंडी समितियों में गेंहू लगभग 21 सौ रुपया प्रति कुंतल बिक रहा था जिससे किसानों ने सरकारी गेंहू खरीद केन्द्रों पर जाना छोड़ दिया था। व्यापारियों को उम्मीद है कि अभी गेंहू के दाम और बढ़ेंगे।

गेंहू के दाम बढ़ने के पीछे तर्क दिया जा रहा हैं कि गत वर्ष गेंहू की कमी के चलते भाव तीन हजार रुपया से ऊपर पहुंच गए थे। तर्क यह भी दिया जा रहा हैं कि गेंहू के आटें और अन्य प्रकार के बनने वाले जिन्सों की मांग के अनुरूप गेंहू उपलब्य नही हो पा रहा है जिससे आटा समेत अन्य उत्पाद बनाने वाले निजी कारोबारियों को बड़ी मात्रा में गेंहू की जरूरत है और वह किसी भी कीमत पर अपनी जरूरत के अनुसार गेंहू का भण्डार करने को तैयार बैठे है जिससे गेंहू के भाव में एकाएक तेजी आ गई है।

2125 रुपया है सरकारी गेंहू खरीद की दर
सरकारी गेंहू खरीद केन्द्रों पर सरकार द्वारा 2125 रुपया की दर निर्धारित की गई है लेकिन खुले बाजार में इससे अधिक कीमत होने पर किसानों से गेंहू खरीद केन्द्रों से दूरी बना ली है जिससे गेंहू खरीद केन्द्रों पर सन्नाटा पसर गया है। बदायूं जनपद की बात करें तब पूरे जिले में दो सप्ताह होने जा रहे हैं नाममात्र को गेंहू की खरीद की गई है। सेन्टर इंचार्जो का कहना हैं कि खुले बाजार में कीमत ज्यादा होने के कारण किसानों का गेंहू खरीद केन्द्र पर नही पहुंच पा रहा है अगर शासन प्रशासन किसानों को बोनस आदि बढ़ा दे और खुले बाजार से अधिक कीमत हो तभी किसान केन्द्रों पर पहुंच पाएंगा।

मुनाफाखोर भी हो गए हैं सक्रिय
गत वर्ष गेंहू की कीमत तीन हजार रुपया प्रति कुंतल से 32 सौ रुपया प्रति कुंतल पहुंच गया था जिसको देखते हुए अनाज मुनाफाखोरी में लगे लोग भी सक्रिय हो गए है और बड़े लायसंस धारक थोक आढ़तियों के माध्यम से बड़ी मात्रा में गेंहू खरीद करने में लग गए है इसका भी असर गेंहू के दामों में बढ़ोत्तरी पैदा कर रहा है। बताते हैं कि थोक आढ़तियों के यहां शासन-प्रशासन स्टाक सीमा लागू नही करता है और उनके गोदामों का निरीक्षण भी नही किया जाता है कि उनके गोदामों में कितना गेंहू समेत अन्य जिंसों का स्टाक हुआ है। जिसके चलते धनाढ्य लोग अपनी मोटी रकम अनाज व्यापार में लगा कर मोटी मुनाफा कमा कर बारे न्यारे करने में लगे हुए हैं वहीं महंगाई की मार से आम आदमी परेशानियों से जूझता रहता है। जानकार लोगों का कहना हैं कि अगर प्रशासन थोक आढ़तियों के गोदामों का निष्पक्ष रूप से खंगाल ले तब मुनाफाखोरी का राजफाश हो सकता है।

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