उझानी, (बदायूं)। नगर के समीपवर्ती गांव अढ़ौली में बीती देर रात निज मंदिर के दलित महंत की बेरहमी से हत्या कर दी गई। हत्या की जानकारी परिजनों और ग्रामीणों को लगी तो गांव में सनसनी और दहशत फैल गई। महंत की हत्या की सूचना पर कोतवाली पुलिस के अलावा एसपी सिटी, सीओ ने मौके पर पहुंच कर घटना की जानकारी ली और शव को अपने कब्जें में लेकर पीएम को भेज दिया। पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज कर जांच शुुरू कर दी है।
गांव अढ़ौली निवासी 70 वर्षीय दलित खेमकरन अपने द्वारा बनाए गए मंदिर पर रह कर भगवान की पूजा पाठ और महंत का कार्य किया करते थे। अपने मंदिर में सो रहे खेमकरन की बीती रात लगभग 11 बजेे अज्ञात हत्यारों ने धारदार हथियार से वार कर बेरहमी से हत्या कर दी और हत्यारें फरार हो गए। खेमकरन की हत्या की जानकारी मंदिर के आसपास रहने वाले ग्रामीणों को भनक तक न लग सकी। बताते है कि देर रात मृतक का नाती समरजीत गांव में ही दावत खाकर वापस अपने घर लौट रहा था इसी दौरान मंदिर के बाहर खून से लथपथ पड़ेे खेमकरन को देेख कर उसके होेश उड़ गए और उसने अपने घर वारदात के बारे में बताया तभी परिजन मौके पर पहुंच गए और पुलिस को सूचना दी। बताते है कि परिजनों के शोरगुल पर बड़ी संख्या में ग्रामीण मौके पर पहुंच गए और उनमें महंत की हत्या से सनसनी तथा दहशत फैल गई। हत्या की सूचना पर कोतवाल बिजेन्द्र सिंह, सीओ उझानी गजेन्द्र श्रोेत्रिय और एसपी सिटी प्रवीण सिंह चैहान मौके पर पहुंच गए और घटनास्थल का गहनता से निरीक्षण कर परिजनों से हत्या के बारे में जानकारी ली। बताते है कि मृतक के पुत्रों ने पुलिस को बताया कि अज्ञात हत्यारों ने उनके पिता की हत्या धारदार हथियार से की है और उनके चेहरें पर वार से उनकी मूछ तथा जीप कट गई है। हत्या के पीछे कोई रंजिश या अन्य विवाद सामने नही आया है जिससे बेरहमी से की गई हत्या के कारणों का खुलासा नही हो सका है। पुलिस ने रात में ही शव को अपने कब्जें में लेकर पीएम के लिए जिला मुख्यालय भेज दिया है। पुलिस ने मृतक के छोटे बेटे राजकुमार की तहरीर पर हत्या का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। इस मामले में सीओ उझानी गजेन्द्र श्रोत्रिय ने बताया कि परिजनों ने किसी प्रकार की रंजिश का खुलासा नही किया है जिससे पुलिस ने अज्ञात हत्यारों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है और जल्द ही हत्यारों को पकड़ कर जेल भेजा जाएगा।
हत्यारों से मृतक ने किया होगा संघर्ष
उझानी। खेमकरन का शव लहूलुहान अवस्था में मंदिर के बाहर पड़ा मिला जिससे अनुमान लगाया जा रहा है कि अपने निज मंदिर में सो रहे दलित महंत खेमकरन ने हत्यारों से बचने के लिए संघर्ष किया होगा और हत्यारों बाहर की ओेर भागेे फिर भी हत्यारों ने उन्हें मौत के घाट उतार दिया यही कारण है कि महंत की लाश मंदिर के बाहर पड़ी मिली।