उझानीजनपद बदायूं

प्रशासनिक लाहपरवाहीः कछला गंगा में फिर डूबे आगरा और एटा के श्रद्धालु, एक किशोर की मौत

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उझानी(बदायूं)। क्षेत्र के कछला स्थित मां भागीरथी के तट पर गंगा स्नान करने आए आगरा और एटा के आधा दर्जन से अधिक श्रद्धालु स्नान करते वक्त अचानक गहरे पानी में पहुंच कर डूब गए। गनीमत रही कि गोताखोरों और अन्य श्रद्धालुओं ने एटा के एक बालक और व्यक्ति तथा नगरिया की एक वृद्धा को सकुशल निकाल लिया जबकि आगरा के तीन किशोरों को किसी तरह से गंगा से निकाला जबकि एक किशोर की डूब कर मौत हो गई। किशोर की मौत पर उसके परिवार में कोहराम मच गया है।

बुधवार को कछला स्थित पवित्र गंगा नदी में एक बार फिर हादसा हो गया। यहां जनपद आगरा के थाना एत्मादपुर के गांव रहनखर्द दोहरा निवासी कृपाल यादव अपनी 90 वर्षीय नानी को गंगा स्नान कराने के लिए परिवार समेत कछला आए थे। बताते हैं कि सुबह लगभग आठ बजे गंगा तट पर कृपाल के तीन बच्चें तुषार, विशाखा और निशांत समेत उनका भांजा और भाई एक साथ गंगा में स्नान कर रहे थे। बताते हैं कि गंगा में स्नान करते वक्त चारों बच्चें एक साथ डूबने लगे। बच्चों के डूबते देख कृपाल की अचानक निगाह उन पर चली गई तब वह गंगा नदी में उतरे और अपने दो बच्चों तथा भांजे को किसी तरह से गंगा से निकाल लिया मगर उनका सबसे छोटा बेटा 11 वर्षीय निशांत गंगा नदी में डूब गया।

बताते हैं कि तीनों बच्चों को गंगा से निकालने के बाद जब कृपाल ने निशांत को देखा मगर उसे न पाकर उन्होंने शोर शराबा कर गोताखोरों को बुला लिया। गोताखोरों ने गंगा नदी में उतर कर कड़ी मशक्कत के बाद डूबे किशोर को गहरे पानी से निकाला लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। बताते हैं कि परिजन बच्चें को जीवित मान कर उझानी अस्पताल लेकर आए जहां डाक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। किशोर की मौत की जानकारी होने पर साथ आए परिजनों में कोहराम मच गया और मां समेत अन्य महिलाएं विलाप करने लगी जिस पर अस्पताल में मौजूद लोगों की भी आंखे नम हो गई। हादसे की सूचना पर अस्पताल पहुंची पुलिस ने शव के पीएम को परिजनों से कहा मगर परिजनों ने पीएम कराने से इंकार कर दिया तब पुलिस ने पंचनामा भर कर शव परिजनों के हवाले कर दिया।

यहां बताते चले कि कछला स्थित गंगा नदी में आए दिन श्रद्धालुओं के डूबने से उनकी जान जा रही है इसके बाद भी न तो कछला पंचायत और न ही जिला प्रशासन एवं राजस्व विभाग चेता है। श्रद्धालुओं का कहना हैं कि कछला घाट पर तैनात गोताखोरों को पूरी जानकारी है कि गंगा नदी में कहा पानी गहरा है और कहा पर गड्ढा है। श्रद्धालुओं का कहना हैं कि अगर प्रशासन गंगा नदी में हादसे वाले स्थानों को चिन्हित कर उन स्थानों की बैरिकेटिंग कर दें तब ऐसी स्थिति में गंगा स्नान को आने वाले श्रद्धालु डूबने से बच सकेंगे और न ही उनकी मौत होगी।

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