राम मंदिर निर्माण आंदोलन का हिस्सा रहे हैं श्री शाक्य, जेल भी काटी
उझानी(बदायूं)। अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए 90 के दशक में हुए आंदोलन का हिस्सा रहे अधिवक्ता ब्रजपाल सिंह शाक्य राम मंदिर के भव्य निर्माण और सोमवार को रामलला के विराजमान होने से खुद को गौरवांवित महसूस कर रहे हैं। उनका कहना है कि राम मंदिर के लिए कार सेवकों और भाजपा के निष्ठावान कार्यकर्ताओं ने अपनी जानें तक न्यौछावर कर दी तब कही जाकर आज यह शुभ घड़ी देखने को मिल रही है।
80 के दशक में राम मंदिर के लिए भाजपा ने अपना आंदोलन का शुभारंभ किया था जो 90 के दशक में अपने चरम पर पहुंच गया और भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ हिन्दू समाज के लोग जुड़ते चले गए। श्री शाक्य की माने तब 90 के दशक में बदायूं जनपद में भाजपा के मुख्य संगठन इतना मजबूत नही था जितना भाजपा युवा मोर्चा संगठित और मजबूत था। श्री शाक्य उस वक्त भाजपा युवा मोर्चा के जिलाध्यक्ष थे और वह राम मंदिर के लिए लगातार हिन्दू समाज को जाग्रत करने में लगे हुए थे। श्री शाक्य का कहना है कि राम मंदिर निर्माण की मांग को लेकर जब भाजपा कार्यकर्ताओं के अलावा पूरे देश से कार सेवक के रूप में नागरिक अयोध्या पहुंचने लगे तब गैर भाजपाई सरकारों ने हिन्दू समाज के नागरिकों और भाजपा कार्यकर्ताओं को प्रताड़ित करना शुरू कर दिया।
श्री शाक्य ने बताया कि 10 अक्टूबर 1990 को उझानी कोतवाली पुलिस ने युवा मोर्चा का जिलाध्यक्ष होने के नाते उन्हें बातचीत को कोतवाली मंे बुलाया मगर फिर धोखे से उन्हें गिरफ्तार कर लिया। उन्होंने बताया कि पुलिस ने उनके साथ डा. ब्रजेन्द्र वार्ष्णेय और कौशल किशोर वार्ष्णेय, बलबीर सिंह यादव को भी गिरफ्तार कर पहले बदायूं फिर पीलीभीत जेल भेज दिया था। श्री शाक्य का कहना हैं कि वह बड़े ही सौभाग्यशाली हैं कि वह राम मंदिर के निर्माण और रामलला विराजमान के साक्षी बन रहे है यह देश ही नही वरन् सम्पूर्ण विश्व के लिए ऐतिहासिक पल होंगे। श्री शाक्य ने जनता के आह्वान किया हैं कि सोमवार को रामलला विराजमान के समय राम ज्योति अवश्य ही जलाएं ताकि सनातन की यह अलख हमेशा को जलती रहे।