उझानी

मौसम का बिगड़ा मिजाज, तेज बूंदाबांदी ने बढ़ाई हांडकांप वाली ठंड और अस्त-व्यस्त हुआ जनजीवन

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उझानी,(बदायूं)। मंगलवार की सुबह से बिगड़े मौसम के मिजाज और दोपहर से हो रही तेज बूंदाबांदी से जन जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है वही हांडकांप वाली ठंड ने जनमानस को अपनी चपेट में ले लिया है। तेज बूंदाबांदी और ठंड ने बाजारों की रौनक को गायब कर दिया जिससे दुकानदार हाथ पर हाथ धरे नजर आ रहा था। बूंदाबांदी और ठंड से बचने के लिए बेघर और बेसाहरा इधर-उधर भटकते नजर आ रहे थेे।

मंगलवार की सुबह से मौसम ने अपना रूप बदल लिया और चारों ओर से घिरे बादलों ने सूर्य नारायण को ढक कर जता दिया कि वह किसी समय बरस सकते हैं। दोपहर से तेज बूंदाबादी शुुरू होने से मौसम का रूख और खराब हो गया। खराब मौसम और दोपहर से हो रही बूंदाबांदी से ठंड का प्रकोप एकाएक बढ़ गया जिससे जनमानस सिहर उठा। बरसात और ठंड के चलते बाजारों से रौनक गायब हो गई। ग्रामीण इलाकों से बाजार करने आए ग्रामीण भी बूंदाबांदी में भींगते हुुए अपने घरों को लौटने की जल्दबाजी करते दिख रहे थे। ठंड का प्रकोप बढ़ने और बरसात के कारण गरीब एवं बेघर व बेसाहरा लोग ठंड से बचने के लिए इधर-उधर भटकते नजर आ रहे थे। बताते है कि गरीबों को ठंड आदि से बचाने के लिए शासन ने रैन बसेरा बनाने के निर्देश दिए है ताकि कोई आदमी ठंड में सड़क पर नजर नही आ सके लेकिन उझानी में पालिका प्रशासन ने अभी तक कोई रैन बसेरा नही बनवाया है जिससे गरीबों और बेघरों तथा बेसाहराओं को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। बताते है कि ठंड और बरसात के चलते पशुओं- पक्षियों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। पशुओं विशेषकर गौवंशीय जानवरों को आश्रय स्थल बनाने के लिए शासन और प्रशासन ने पालिका प्रशासन को स्पष्ट निर्देश दिए है लेकिन पालिका प्रशासन ने गौवंशीय जानवरों को रखने के लिए आश्रय स्थल भी नही बनाया है जिससे पशु खुले आसमान के नीचे बरसात में भींगने और ठंड में ठिठुरने को मजबूर हो रहे हैं। सार्वजनिक स्थानों पर पालिका प्रशासन द्वारा अलाव नही जलवाएं जाने से गरीबों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

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