उझानी,(बदायूं)। यूनाटेड फोरम आफ बैंक यूनियनंस के बैनर तले बैंक कर्मियों ने दूसरे दिन भी अपनी हड़ताल जारी रखी। दो दिनों से बैंक बंद होने के कारण जहां मध्यवर्गीय ग्राहकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा है वही करोड़ों रुपया का व्यापारिक लेन-देन बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। निजी करण का विरोध कर रहे बैंक कर्मियों का कहना है कि उनकी मांगों को संसद में कानून के रूप में पारित करना चाहिए।
गुरूवार को बैंक कर्मी अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर चले गए थे। शुक्रवार को बैंक कर्मियों की हड़ताल जारी रहने से ग्राहकों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा और वह अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए नकदी के लिए अपने परिचितों से चिरौंरी करते रहे। दूसरी ओर बैंकों के दूसरे दिन भी बंद रहने के कारण उझानी का करोड़ों का गल्ला व्यापार बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। गल्ला व्यापारी किसानों को भुगतान करने के लिए एक दुसरे से मदद मांगते नजर आ रहे थेे। बैंक कर्मियों का कहना है कि निजी करण रोकने के साथ उनकी अन्य मांगे बैंकों मंे सरकारी अंश को बढ़ाया, खराब ऋण पर कठोर कानून बना कर उसकी वसूली की जाए, कर्मचारियों की कमी को नई भर्ती कर पूरा किया जाए, सरकारी जनकल्याण योजनाओं का लाभ सभी को मिले। बैंक कर्मियों का कहना है कि उनकी मांगों को कानून के रूप में संसद के शीतकालीन सत्र में पेश कर विधेयक बनाया जाए।