बदायूं। जिलाधिकारी दीपा रंजन की अध्यक्षता में ईट भट्टा एसोसिएशन के पदाधिकारियों एवं ईट भट्टा के स्वामियों के साथ ईट भट्टा संचालन के सम्बंध में बैठक सोमवार को कलेक्ट्रेट स्थित अटल बिहारी वाजपेयी सभागार में आयोजित की गई।
अपर जिलाधिकारी प्रशासन ऋतु पुनिया ने अवगत कराया कि वर्तमान में जनपद में लगभग 200 ईट भट्टे संचालित हैं जिसके सापेक्ष 58 ईट भट्टे ऐसे हैं जिनकी प्रदूषण एनओसी जमा नहीं है और गत वर्ष आठ ईट भट्टों के द्वारा विनियमन शुल्क जमा नहीं किया गया है उनको नाटिस जारी किए गए है तथा वसूली प्रमाण पत्र जारी करने की कार्यवाही की जा रही है। डीएम ने निर्देश दिए हैं कि बिना विनियमन शुल्क जमा किये भट्ठे का संचालन नहीं किया जायेगा और यदि संचालन किया जाता है तो उसके विरूद्ध नियमानुसार सुसंगत धाराओं में कार्यवाई की जायेगी। चालान जमा करते समय ईट भट्ठा स्वामी द्वारा इस आशय का शपथ पत्र दिया जाएगा कि उसके ऊपर कोई विनियमन बकाया नहीं है। ईट भट्टा स्वामी द्वारा ईट मिट्टी के परिवहन एवं भण्डारण के समय जॉच कर्ता को ऑफलाइन या ऑनलाईन जमा चालान की प्रति दिखानी होगी। ईट बनाने के काम आने वाली पलोथन मिट्टी (बलुई मिट्टी) के लिये प्रस्तावक को ईट मिट्टी के लिये देय विनियमन शुल्क की धनराशि के अतिरिक्त उस पर 10 प्रतिशत धनराशि जमा करनी होगी। यदि किसी भट्टा स्वामी द्वारा पायों की संख्या में वृद्धि की जाती है तो उसकी सूचना दी जायेगी तथा उसके अनुसार विनियमन शुल्क देना होगा। उप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा कुल 58 ईट भट्टों की सूची संलग्न करते हुये उप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की एनओसी न होने के कारण बन्दी आदेश निर्गत किए हैं कि ऐसे ईट भट्ठों का संचालन नहीं किया जायेगा। डीएम ने कड़े निर्देश दिए कि अवैध खनन नहीं होना चाहिए। खनन के लिए जिस गाटे की अनुमति दी गई है उसी में इन बातों को ध्यान में रखकर खनन नियमानुसार किया जाए कि रास्ता व मेढ़ न टूटने पाए। मिट्टी का परिवहन सम्बंधित वाहन को ढककर व अनुमति पत्र के साथ किया जाए। ईट भट्टा स्वामियों द्वारा मिट्टी की खुदाई हेतु जेसीबी मशीन का प्रयोग नहीं किया जाएगा। अपूर्ण अभिलेखों एवं बिना अनुमति के किसी भी ईट भट्टे का संचालन नहीं होना चाहिए। यदि कोई ऐसा पाया जाता है तो उसके विरुद्ध कठोर कार्यवाही की जाएगी।
ईट भट्टा संघ की मांग है कि विनियमन शुल्क जमा करने के बाद भी पुलिस प्रशासन द्वारा अनावश्यक रूप से मिट्टी ट्राली आदि को रोका जाता है। शुल्क जमा करने के बाद उन्हें पारेशान न किया जाये। जनपद के बाहर से आकर बिना टैक्स की सस्ती ईट बेचने वाले लोगों पर लगाम लगाई जाए। इस अवसर पर जिला खनन अधिकारी लालता प्रसाद सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।