उझानी,(बदायूं)। नगर की सड़कों पर आवारा घूम कर जनता के परेशानी का सबब बने आवारा गौवंश तथा अन्य पशुओं को आश्रय देने का योगी सरकार का दावा हवा हवाई साबित हुआ है। सड़कों पर आवारा घूम रहे गौवंशों में खुरपका जैसी बीमारियां पैदा हो गई है जिससे गौवंश दर्द से तड़क रहे हैं लेकिन उन्हें आश्रय देने और बीमार गौवंशों का इलाज करने के लिए न तो डाक्टर देख रहे है और न ही पशुओं से संबंधित पशुधन विकास विभाग जिससे बीमार आवारा गौवंशों की हालत बद् से बद्तर हो चली है।
उझानी नगर की प्रत्येक बाजार एवं मौहल्लों की सड़कों पर आवारा गौवंशों के झुंड घूमते मिल जाएंगे जो नागरिकों के परेशानी का सबब बने हुए हैं। आवारा पशुओं को पकड़ने के लिए नागरिकों ने मौखिक एवं जारी मोबाइल नम्बरों पर फोन कॉल की मगर जनता को आवारा पशुओं से कोई राहत नही मिली। सड़क पर घूमते आवारा गौवंशों में खुरपका जैसी कबीमारियां पनपने लगी है जिससे इलाज के आभाव में गौवंश दर्द से तड़पते हुए नगर में इधर से उधर घूमते देखे जा रहे है। दर्द से तडपते गौवंशों का पुरसाहाल नही है और बीमार गौवंशों को इलाज नही मिल पा रहा है जिससे बीमार गौवंशों का हाल बेहाल बना हुआ है। सरकार ने आवारा पशुओं का समुचित ध्यान रखने के आदेश जारी किए हुए हैं लेकिन प्रशासनिक स्तर पर पशुधन विकास विभाग, पशु चिकित्सकों ,नगर पालिका एवं समाज सेवियों का पशु प्रेम केवल कागजों व अखबारों तक सीमित रह गया है इन सभी की सच्चाई वंया करता एक गौवंश जो महीनों से अपने इलाज की बाट जोह रहा है मगर उसके इलाज को न तो प्रशासनिक स्तर पर पहल हो रही है और न ही राजनैतिक एवं सामाजिक संगठन आगे आ रहे हैं।