अपराधजनपद बदायूं

कोर्ट का आदेशः विधायक हरीश शाक्य पर होगा करोड़ों की जमीन हड़पने और सामूहिक दुष्कर्म का केस

Up Namaste

बदायूं। गुरूवार को आए एक अदालती आदेश ने भाजपा विधायक हरीश शाक्य की नींदें उड़ा दी होगी। अदालत ने भाजपा विधायक के खिलाफ सामूहिक दुष्कर्म और करोड़ों की जमीन हड़पने के मामले में उनके खिलाफ नियमानुसार मुकदमा दर्ज कर जांच के आदेश सिविल लाइन पुलिस को दिए है। अदालत ने पुलिस को दस दिन समय देकर कार्रवाई से अवगत कराने के भी आदेश दिए है। इस मामले में उझानी निवासी एक कारोबारी और विधायक के दो सगे भाई समेत कई लोगों के नाम शामिल है।

अपर मुख्य न्यायिक मजिस्टेªट द्वितीय की अदालत ने भाजपा विधायक हरीश शाक्य समेत कई लोगों के खिलाफ दायर किए गए वाद पर निर्णय देते हुए सिविल लाइन पुलिस को हरीश शाक्य समेत सभी आरोपियों के खिलाफ सामूहिक दुष्कर्म और करोड़ों रुपया की जमीन जबरन हड़पने के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच के आदेश दिए है। शिकायतकर्ता भी बदायूं निवासी है और उसका आरोप है कि बदायूं के सिविल लाइन क्षेत्र में उसकी जमीन है जिसका बैनामा उसकी मां और दादी के नाम था लेकिन बाद में उक्त जमीन को दादी और मां ने उसके पिता के नाम वसीयत कर दी। पीड़ित का आरोप है कि जब विधायक और उनसे समूह की नजर उसकी जमीन पर पड़ी तभी से वह उसका और उसके परिवार का स्वयं्ं और पुलिस से उत्पीड़िन करा रहे है। पीड़ित का कहना है कि उसकी जमीन 17 करोड़ से अधिक की है।

पीड़ित का कहना है कि विधायक हरीश शाक्य ने अपने आवास पर उसके परिजनों को बुला कर जमीन बेंचने का दबाब बनाया तब उसके पिता ने कहा कि उक्त जमीन 17 करोड़ से अधिक की है जिस पर विधायक ने उक्त जमीन का जबरन सौदा साढ़े सोलह करोड़ में कर दिया और एक लाख रुपया बतौर बयाना दे दिया। पीड़ित का आरोप है कि इसके बाद विधायक अपने पद गलत इस्तेमाल करते हुए बिना पैसा के बैनामा करने का दबाब उसके परिवार पर बनाने लगे। पीड़ित का यह भी आरोप है कि विधायक हरीश शाक्य ने उसके चचेरे भाई का जमकर उत्पीड़न किया जिससे उसने आत्महत्या कर ली इसके बाद विधायक ने उसकी चाची और रोहित की पत्नी को लालच देकर उसके व परिवार के खिलाफ रोहित की हत्या और रेप मामला दर्ज करा दिया।

पीड़ित का आरोप है कि विधायक हरीश शाक्य ने अपने भाईयों और उझानी के कारोबारी मनोज गोयल समेत अन्यों के साथ उसकी पत्नी को बुला कर उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया। पीड़ित का आरोप है कि जब वह तहरीर लेकर पुलिस के पास गया तब पुलिस ने उसका उत्पीड़न किया और उसकी रिपोर्ट दर्ज नही की। अदालत ने तथ्यों के आधार पर विधायक हरीश शाक्य समेत सभी आरोपियों के खिलाफ सामूहिक दुष्कर्म और करोड़ों की जमीन हड़पने के मामले में रिपोर्ट दर्ज कर दस दिन के अन्दर कोर्ट को कार्रवाई से अवगत कराने के निर्देश दिए है।

Up Namaste

Leave a Reply

error: Content is protected !!