बिल्सी

सज्जनों को सताएं नही दुर्जनों को कभी नही बढ़ाएं: संजीव रूप

बिल्सी,(बदायूं)। तहसील क्षेत्र के गांव गुधनी.खौंसारा स्थित आर्य समाज मंदिर में चल रही वेदकथा के तीसरे दिन कथावाचक आचार्य संजीव रूप ने कहा कि भगवान की सबसे बड़ी नेमत सबसे बड़ा उपहार हमारा मनुष्य शरीर है। भगवान चाहता है कि हम अपने शरीर को जो भगवान का ही मंदिर भी है। सदा स्वस्थ रखें। स्वस्थ रहने के लिए हमें अपना आहार और व्यवहार सुधारना होगा।
कथा में प्रवचन करते हुए उन्होंने कहा कि छल से झूठ और प्रपंच से कमाकर हम कभी न खाएं। इससे हमारी आत्मा कमजोर होती है, दिल कमजोर होता है और हमारी आयु कम हो जाती है। सबसे प्रीति पूर्वक धर्म अनुसार यथा योग्य व्यवहार करना भगवान को पसंद है। कथा वाचक संजीव रूप ने कहा कि सज्जनों को कभी सताए नहीं दुर्जनों को कभी बढ़ाएं नहीं। इससे पूर्व आर्य संस्कारशाला के बच्चों तथा आर्य समाज के अधिकारियों के द्वारा राष्ट्र रक्षा यज्ञ किया गया। प्रज्ञा आर्य, प्रश्रय आर्य, सत्यम आर्य, मुन्नी देवी आदि ने भजन गाए। कल भगवान कृष्ण के जन्मोत्सव के उपलक्ष में मंदिर को विशेष रूप से सजाया जाएगा और भगवान कृष्ण की कथा होगी। इस अवसर पर विश्वजीत पाल, प्रकाश सिंह बादल, वीरवती देवी, प्रमोद श्रीवास्तव, अनीता, अनेक पाल सिंह, सूरजवती देवी, राकेश आर्य, स्वाति, मोना आदि मौजूद रहे।

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