उझानी(बदायूं)। जैन धर्म के धार्मिक अनुष्ठान समोशरण विधान के दूसरे दिन विभिन्न धार्मिक कार्यक्रम सम्पन्न हुए। इस दौरान प्रभु का अभिषेक किया गया। कार्यक्रम में गुरूवर विशंक सागर महाराज ने समाज के लोगों को वास्तु शास्त्र का महत्व विधान के माध्यम से समझाया।
जैन मंदिर परिसर में जुटे समाज के नर नारियों ने प्रभु की पूजा अर्चना की और सबके कल्याण की कामना की। इस दौरान प्रभु का अभिषेक और शांति धारा सिद्धार्थ जैन एवं जयदीप जैन द्वारा किया गया। पूजा अर्चना के उपरांत द्वितीय दिवस की आरती बोली का सौभाग्य अंकित जैन को प्राप्त हुआ जबकि मंगल कलश की बोली श्रीमती शीला जैन, अलका जैन, साक्षी जैन, सिद्धार्थ जैन, सीमा जैन ली गई वही दीप स्थापना श्रीमती तृप्ति जैन द्वारा की गई।
धार्मिक अनुष्ठानों के समन्न हो जाने के बाद जैन धर्म के गुरू विशंक सागर महाराज ने समाज के लोगों को वास्तु शास्त्र का महत्व समझाते हुए कहा कि वास्तु शास्त्र के अनुसार किए गए सभी कार्य प्रगति के रास्ते खोल देतें हैं। इस दौरान कलाकारों ने संपूर्ण विधि विधान से समवसरन विधान कराया और फिर सुंदर भजनों के माध्यम से नर नारियों में भक्ति की बयार बहां कर उन्हें भाव विभोर कर दिया। इस अवसर पर महिला मंडल की इंद्राणियो अनामिका जैन, साक्षी जैन, पूजा जैन, सोनील जैन सानवी जैन, प्राची जैन, मनका जैन, संगीता जैन, जयदीप जैन अनूप जैन अरुण जैन प्रदीप जैन अशोक जैन प्रमोद जैन आकाश जैन सोनू जैन रोहित जैन निखिल जैन एवम समस्त जैन समाज का महत्वपूर्ण सहयोग रहा।